40 लाख रुपए लगेंगे, बेटा परीक्षा पास कर जाएगा : NEET के एक और अभ्यर्थी के पिता का कबूलनामा

Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Jun, 2024 03:01 PM

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NEET पेपर लीक मामले में आए दिन बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं। छात्र आयुष ने बताया कि उसकी भी सेटिंग सिकंदर प्रसाद यदुवंशी ने ही कराई थी। आयुष के पिता ने इसका खुलासा करते हुए जांच एजेंसी को बताया कि सिंकदर ने हमें ऑफर दिया था कि 40 लाख लगेगा और बेटा...

नेशनल डेस्क : NEET पेपर लीक मामले में आए दिन बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं। छात्र आयुष ने बताया कि उसकी भी सेटिंग सिकंदर प्रसाद यदुवंशी ने ही कराई थी। आयुष के पिता ने इसका खुलासा करते हुए जांच एजेंसी को बताया कि सिंकदर ने हमें ऑफर दिया था कि 40 लाख लगेगा और बेटा एग्जाम पास कर डॉक्टर बन जाएगा।

'बेटा वापस आ जाओ, परीक्षा पास कराने की सेटिंग हो गई'
ईओयू सूत्रों के मुताबिक, पटना के राजवंशीनगर स्थित डीएवी स्कूल में नीट की परीक्षा देने वाले आयुष ने पुलिस को दिए बयान में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। छात्र ने बताया कि वह नीट की तैयारी के लिए कोटा गया था। तभी पापा का फोन आया और कहा कि बेटा वापस पटना आ जाओ यहां नीट परीक्षा पास कराने की सेटिंग हो गई है। चार और पांच मई की रात मैं पिता के साथ सिकंदर अकंल के पास गया, जहां मुझे नीट का प्रश्न पत्र रटाया गया। परीक्षा देने के बाद पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया। 

'40 लाख रुपए लगेंगे, बेटा पास कर जाएगा' 
आयुष के पिता ने पुलिस को दिए बयान में उन्होंने कहा, ''सिंकदर ने उनसे कहा था कि सब सेट है, 40 लाख रुपए लगेंगे और बेटा परीक्षा पास कर जाएगा। मैंने लोभ में आकर उसका ऑफर स्वीकार कर लिया। बच्चे का सारेकागजात सिकंदर के पास जमा कर दिए। सिकंदर बच्चे को चार मई की रात प्रश्न पत्र रटवाने ले गया।'' सिंकदर ने कहा कि जब बच्चा पास कर जाएगा तो रुपया दे दीजियेगा। 

जानिए नया 'पेपर लीक विरोधी' कानून
नीट और यूजीसी-नेट परीक्षाओं को लेकर उठे विवादों के बीच केंद्र ने पेपर लीक और धोखाधड़ी को रोकने के लिए फरवरी में पारित सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया है। यह सख्त कानून शुक्रवार को लागू हो गया।

10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना 
कानून के तहत, पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ करने का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों को कम से कम तीन साल की जेल की सज़ा मिलेगी। इसे बढ़ाकर पांच साल किया जा सकता है और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अधिनियम के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। नए कानून के अनुसार, जांच के दौरान यदि यह स्थापित हो जाता है कि सेवा प्रदाता के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने अपराध की अनुमति दी थी या वह अपराध करने में शामिल था, तो उसे न्यूनतम तीन वर्ष की कैद, जो अधिकतम 10 वर्ष हो सकती है, तथा एक करोड़ रुपए का जुर्माना देना होगा।

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