Edited By Yaspal,Updated: 15 Jun, 2024 08:09 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली में G7 शिखर सम्मेलन से इतर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से भी मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीर पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है। हालांकि, अभी दोनों नेताओं के बीच द्वपक्षीय वार्ता नहीं हुई है
इंटरनेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली में G7 शिखर सम्मेलन से इतर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से भी मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीर पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है। हालांकि, अभी दोनों नेताओं के बीच द्वपक्षीय वार्ता नहीं हुई है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी G7 समिट में हिस्सा लेने के लिए दो दिवसीय इटली दौरे पर हैं। इससे पहले उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी मुलाकात की है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो के बधाई संदेश का जवाब भी दिया था। इस जवाब में आपसी समझ और एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति सम्मान के आधार पर ओटावा के साथ सहयोग करने की नई दिल्ली की मंशा को रेखांकित किया गया था। पीएम मोदी ने कहा था कि वो कनाडा के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।
भारत ने उठाया ये मुद्दा
भारत ने लगातार इस बात पर प्रकाश डाला है कि द्विपक्षीय संबंधों में मुख्य मुद्दा कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों को प्रदान किया गया है। इसके अलावा खालिस्तानी समर्थक गुटों की तरफ से भारतीय राजनयिकों को धमकी देने के कई मामले भी सामने आए हैं।
हरदीप निज्जर की हत्या के बाद रिश्तों में आई दरार
बताते चलें कि कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खी आ गई। कनाडाई पीएम ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के आरोप लगाए थे। लेकिन भारत ने कनाडा के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए राजनीति और दुर्भावना से प्रेरित बताया था।
इससे पहले जस्टिन ट्रूडो पिछले साल सितंबर में G20 समिट में हिस्सा लेने भारत आए थे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन और कनाडा में बढ़ती खालिस्तानी गतिविधियों का मुद्दा उठाया था। पीएम ने द्विपक्षीय स्तर पर बातचीत के दौरान दोनों देशों में बढ़ते खालिस्तानी समर्थकों और भारत के खिलाफ साजिश रचने के लेकर चिंता जताई। भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो से खालिस्तानी गतिविधियों को रोके जाने और भारत के खिलाफ प्रदर्शनों पर रोक लगाने की मांग भी की।