Edited By Rahul Rana,Updated: 12 Dec, 2024 12:49 PM
भारतीय स्टेट बैंक की एक हालिया शोध रिपोर्ट ने जल जीवन मिशन के प्रभाव को लेकर कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जल जीवन मिशन ने ग्रामीण भारत खासकर महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।
नॅशनल डेस्क। भारतीय स्टेट बैंक की एक हालिया शोध रिपोर्ट ने जल जीवन मिशन के प्रभाव को लेकर कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जल जीवन मिशन ने ग्रामीण भारत खासकर महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।
महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि
इस अध्ययन में सामने आया कि देशभर में जो घर बाहर से पानी लाते थे उनमें 8.3 प्रतिशत की कमी आई है। इसका सीधा असर महिलाओं की कृषि और अन्य गतिविधियों में भागीदारी पर पड़ा है और महिलाओं की भागीदारी में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। यह वृद्धि खासकर बिहार और असम जैसे राज्यों में अधिक देखी गई जहां महिला कार्यबल की भागीदारी में 28 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई। यह उन राज्यों में नल से पानी की सुलभता के लाभ को दर्शाता है जो अपेक्षाकृत गरीब हैं।
जल जीवन मिशन का इतिहास और उद्देश्य
जल जीवन मिशन की शुरुआत भारत सरकार ने 15 अगस्त 2019 को की थी। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण घर में कार्यशील नल जल कनेक्शन प्रदान करना है। जब यह मिशन शुरू हुआ था तब केवल 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण घरों में नल के पानी का कनेक्शन था लेकिन 10 अक्टूबर 2024 तक इस मिशन के तहत 11.96 करोड़ नए कनेक्शन जोड़े गए हैं जिससे कुल कवरेज 15.20 करोड़ घरों तक पहुंच गया है यानी अब 78.62% ग्रामीण घरों में नल का पानी पहुंच चुका है।
राज्यवार प्रभाव
अध्ययन में यह भी सामने आया है कि जल जीवन मिशन ने कुछ गरीब राज्यों में असाधारण परिवर्तन लाए हैं। जैसे उत्तर प्रदेश में जहां नल के पानी के कनेक्शन वाले घरों में वृद्धि के बाद कृषि गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी में 17.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ओडिशा में भी 7.8 प्रतिशत घरों में पानी लाने की निर्भरता कम हुई और महिलाओं की कार्यबल भागीदारी में 14.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
गैर-भा.ज.पा शासित राज्यों में भी असर
पश्चिम बंगाल जैसे गैर-भा.ज.पा शासित राज्य में महिला कार्यबल भागीदारी में 15.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इसका मतलब है कि पानी तक बेहतर पहुंच ने महिलाओं के शारीरिक और समय के बोझ को कम किया है जिससे उनका जीवन आसान हुआ है। इसी तरह तेलंगाना में 30.3 प्रतिशत और हिमाचल प्रदेश में 19.4 प्रतिशत की कमी आई जो इस मिशन की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
झारखंड में पानी लाने वाले घरों में 10.8 प्रतिशत की कमी आई और इसके साथ ही महिलाओं की कृषि गतिविधियों में भागीदारी में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मध्य प्रदेश में भी इस योजना ने ग्रामीण उत्पादकता पर सकारात्मक असर डाला है जहां पानी लाने की निर्भरता में 17.6 प्रतिशत की कमी आई।
आंध्र प्रदेश, राजस्थान, और गुजरात जैसे राज्यों में भी जल जीवन मिशन के तहत नल जल कनेक्शन से ग्रामीण समुदायों को अपना समय और ऊर्जा उत्पादक गतिविधियों में लगाने का अवसर मिला है जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है।
स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार
जल जीवन मिशन के तहत स्वच्छ जल की उपलब्धता ने स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर डाला है। केरल जैसे राज्यों में जलजनित बीमारियों में कमी आई है जिससे बच्चों की स्कूल में उपस्थिति में भी वृद्धि हुई है।
कुल मिलाकर जल जीवन मिशन का बजट और लक्ष्य
इस मिशन को पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर 3.60 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित बजट निर्धारित किया है। यह मिशन पूरे भारत में जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
बता दें कि जल जीवन मिशन न केवल पानी की उपलब्धता बढ़ा रहा है बल्कि इसके जरिए महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है। इससे ग्रामीण भारत में सामाजिक समृद्धि और आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिली है।