Edited By Parminder Kaur,Updated: 26 Jul, 2024 05:36 PM
आज यानि 26 जुलाई को देश में कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने अपना बलिदान देकर पाकिस्तान पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद हर साल 26 जुलाई को शहीदों को याद किया जाता है। गर्व की बात है कि पंजाब का...
नेशनल डेस्क. आज यानि 26 जुलाई को देश में कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। 1999 के कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने अपना बलिदान देकर पाकिस्तान पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद हर साल 26 जुलाई को शहीदों को याद किया जाता है। गर्व की बात है कि पंजाब का जालंधर एकमात्र ऐसा जिला है, जहां से 8 अफसरों ने देश की रक्षा करते हुए कारगिल में शहादत प्राप्त की।
दूसरे नंबर पर लखनऊ है, जिसके 6 अफसर शहीद हुए थे। कारगिल युद्ध 8 मई से 26 जुलाई 1999 के बीच भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना के बीच लड़ा गया। पाकिस्तानी घुसपैठियों को पहाड़ी ऊंचाइयों से खदेड़ने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू किया। भारतीय सेना नियंत्रण रेखा के हिस्से से पाकिस्तानी घुसपैठियों को हराने और बेदखल करने में कामयाब रही। 26 जुलाई, 1999 को औपचारिक रूप से जीत हासिल की। तब से 26 जुलाई को देश में यह दिन हर साल बेहद गर्व के साथ कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
1947 के बाद अलग-अलग युद्ध, ऑपरेशन में जालंधर के 147 जवान और अफसर शहीद हो चुके हैं। इनमें 1962 भारत-चाइना वॉर, 1965 भारत-पाक वॉर, 1971 भारत-पाक वॉर, ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन मेघदूत, रहीनो, एनकाउंटर, ऑपरेशन परिक्रमा, इलेक्शन ड्यूटी, मिलिटेंट एक्शन, आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए हैं।