Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 17 Jan, 2025 04:57 PM
फरीदाबाद के ग्राम भूपानी स्थित सतयुग दर्शन ट्रस्ट के सभागार में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीरी और भारतीय युवा आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था, जिसमें कश्मीरी युवाओं के साथ मिलकर लोहड़ी का त्योहार मनाया गया। इस आयोजन...
नेशनल डेस्क: फरीदाबाद के ग्राम भूपानी स्थित सतयुग दर्शन ट्रस्ट के सभागार में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीरी और भारतीय युवा आदान-प्रदान को बढ़ावा देना था, जिसमें कश्मीरी युवाओं के साथ मिलकर लोहड़ी का त्योहार मनाया गया। इस आयोजन में कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे, जिनमें सिटी मजिस्ट्रेट अंकित कुमार, विधायक श्री सतीश फागना, और सतयुग दर्शन ट्रस्ट के मार्गदर्शक श्री सजन जी सहित अन्य प्रमुख लोग शामिल थे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, जिसके बाद विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। इन प्रस्तुतियों में सतयुग दर्शन संगीत कला केन्द्र के बच्चों और कश्मीरी छात्राओं ने अपनी कला का प्रदर्शन किया, जो दर्शकों के दिलों को छू गए। कार्यक्रम के दौरान श्री सजन जी ने अपने संबोधन में कहा कि लोहड़ी का त्योहार हमें आपसी प्रेम, भाईचारे और एकता का संदेश देता है। उन्होंने बताया कि इस दिन को मनाने से हम सभी में सामूहिकता और मानवता की भावना मजबूत होती है, जिससे समाज में सौहार्द और शांति बनी रहती है। उनका मानना था कि हमें अपने दिलों में बुराई और कटुता को छोड़कर केवल अच्छे और सकारात्मक भावनाओं को आत्मसात करना चाहिए।
संगीत और नृत्य से कार्यक्रम को बनाया खास
इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि भारत के प्रसिद्ध वायलिन वादक शुभम सरकार ने अपनी वायलिन प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। उनके साथ उनके पिता, प्रसिद्ध तबला वादक प्रदीप सरकार ने भी अपनी धुनों से कार्यक्रम को जीवंत किया। इसके अलावा, राजकुमार गुप्ता और उनके सहयोगियों ने भरतनाट्यम की अद्भुत प्रस्तुति दी, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गई। सतयुग दर्शन संगीत कला केन्द्र के युवा कलाकारों, खुशबु शर्मा और बलजिंदर सिंह ने फोक गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों के साथ केशव शुक्ला और संजय बिड़लान ने भी शानदार संगत की, जिससे सांस्कृतिक माहौल और भी जीवंत हो गया।
कश्मीर से लेकर हरियाणा तक की एकता का प्रतीक
यह कार्यक्रम केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं था, बल्कि यह कश्मीर और हरियाणा के युवाओं के बीच एकता और भाईचारे का प्रतीक भी बन गया। युवा कलाकारों की प्रस्तुतियाँ और उनके संगठित प्रयास ने एक ऐसा वातावरण बनाया, जिसमें हर व्यक्ति को भारतीय संस्कृति और विविधता का सही अनुभव हुआ।