Edited By Anu Malhotra,Updated: 27 Feb, 2025 10:52 AM

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने माता वैष्णो देवी मंदिर के तीर्थयात्रियों समेत आम यात्रियों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को निर्देश दिया है कि केंद्र शासित प्रदेश में वसूले जा रहे भारी टोल शुल्क में...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने माता वैष्णो देवी मंदिर के तीर्थयात्रियों समेत आम यात्रियों को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को निर्देश दिया है कि केंद्र शासित प्रदेश में वसूले जा रहे भारी टोल शुल्क में कटौती की जाए। अदालत ने चार महीने के भीतर टोल शुल्क में कमी करने का आदेश दिया है, जिससे यात्रा करने वाले लाखों लोगों को राहत मिलेगी।
टोल शुल्क में कटौती का आदेश
हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, लखनपुर और बन्न टोल प्लाजा पर वसूले जाने वाले शुल्क को कम किया जाएगा। यह टोल शुल्क तब तक सीमित रहेगा जब तक लखनपुर से उधमपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह चालू नहीं हो जाता। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन टोल प्लाजा पर अब केवल 26 जनवरी 2024 से पहले लागू दरों का 20 प्रतिशत ही वसूला जाएगा।
जम्मू-पठानकोट हाईवे पर टोल शुल्क से छूट
मुख्य न्यायाधीश ताशी राबस्तान और न्यायमूर्ति एमए चौधरी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किए। याचिका में मांग की गई थी कि जब तक दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक जम्मू-पठानकोट हाईवे पर टोल शुल्क से छूट दी जाए।
अदालत ने अपने 12 पेज के फैसले में कहा, "जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आम जनता से पैसा कमाने के एकमात्र उद्देश्य से टोल प्लाजा की संख्या में वृद्धि नहीं होनी चाहिए। प्रतिवादी बन्न टोल प्लाजा पर भारी शुल्क वसूल रहे हैं, जिससे निजी ठेकेदार करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। यह उचित नहीं है।"
NH-44 के 60 किलोमीटर के भीतर नया टोल प्लाजा नहीं लगेगा
हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के 60 किलोमीटर के भीतर किसी भी नए टोल प्लाजा की स्थापना पर रोक लगा दी है। आदेश में कहा गया कि यदि ऐसा कोई टोल प्लाजा पहले से मौजूद है, तो उसे दो महीने के भीतर हटाया जाए।
टोल प्लाजा पर कर्मियों की नियुक्ति में सख्ती
अदालत ने टोल प्लाजा पर कार्यरत कर्मियों की पृष्ठभूमि की जांच के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि किसी भी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को टोल प्लाजा पर तैनात नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए ठेकेदारों और संबंधित पुलिस एजेंसियों को सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
चार महीने में लागू होगा आदेश
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और संबंधित विभागों को आदेश दिया है कि वे चार महीने के भीतर टोल शुल्क में कटौती पर फैसला लें और इसे लागू करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि टोल प्लाजा से होने वाली आय का उपयोग जनता की सुविधाओं में सुधार के लिए किया जाना चाहिए, न कि निजी ठेकेदारों और अन्य संस्थाओं को लाभ पहुंचाने के लिए।