वक्फ बिल के समर्थन में आई JDU, कहा- यह मुस्लिम विरोधी नहीं

Edited By Yaspal,Updated: 08 Aug, 2024 02:57 PM

jdu came in support of wakf bill said it is not anti muslim

जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है और इसे सिर्फ वक्फ संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता के लिए लाया गया है। जद(यू) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘‘कई (विपक्षी) सदस्यों...

नई दिल्लीः जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है और इसे सिर्फ वक्फ संस्थाओं के कामकाज में पारदर्शिता के लिए लाया गया है। जद(यू) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘‘कई (विपक्षी) सदस्यों की बातों से लग रहा है कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी है। यह कैसे मुसलमान विरोधी है?'' उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने मंदिरों की बात की है, लेकिन मंदिर और संस्था में अंतर है। ललन सिंह ने कहा कि मस्जिदों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। जद (यू) सांसद ने कहा, ‘‘वक्फ संस्था को पारदर्शी बनाने के लिए यह संशोधन लाया जा रहा है।''

इससे पहले विपक्षी दलों ने वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह संविधान और संघवाद पर हमला है तथा अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024' को पेश करने की अनुमति मांगी जिसके बाद विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे।

विपक्ष ने किया विरोध
कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संविधान पर हमला है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अयोध्या में मंदिर बोर्ड का गठन किया गया। क्या कोई गैर हिंदू इसका सदस्य हो सकता है। फिर वक्फ परिषद में गैर मुस्लिम सदस्य की बात क्यों की जा रही है?''

वेणुगोपाल ने दावा किया कि यह विधेयक आस्था और धर्म के अधिकार पर हमला है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी आप मुस्लिम पर हमला कर रहे हैं, फिर ईसाई पर करेंगे, उसके बाद जैन पर करेंगे।'' कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि यह विधेयक महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के चुनाव के लिए लाया गया है, लेकिन देश की जनता अब इस तरह की विभाजन वाली राजनीति पसंद नहीं करती। वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संघीय ढांचे पर भी हमला है।

समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने कहा कि मुस्लिमों के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है? उन्होंने दावा किया, ‘‘संविधान को रौंदा जा रहा है...यह आप (सरकार) बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं। इसका खामियाजा हमें सदियों तक भुगतना पड़ेगा।'' सपा सांसद ने कहा, ‘‘अगर यह कानून पारित हुआ तो अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे... कहीं ऐसा नहीं हो जनता दोबारा सड़कों पर आ जाए।''

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि यह विधेयक अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है तथा असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाला तथा सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है। द्रमुक सांसद के. कनिमोझी ने कहा, ‘‘यह दुखद दिन है। आज देख रहे हैं कि यह सरकार संविधान के खिलाफ सरेआम कदम उठा रही है। यह विधेयक संविधान, संघवाद, अल्पसंख्यकों और मानवता के खिलाफ है।''

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