Edited By Rohini Oberoi,Updated: 04 Mar, 2025 11:06 AM

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब ट्रेनिंग रूम का नाम भारत की पहली महिला फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा एक अन्य रूम का नाम बहादुर फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट के नाम पर रखा जाएगा जिन्होंने 1986 में यात्रियों की...
नेशनल डेस्क। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब ट्रेनिंग रूम का नाम भारत की पहली महिला फाइटर पायलट स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी के नाम पर रखा जाएगा। इसके अलावा एक अन्य रूम का नाम बहादुर फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट के नाम पर रखा जाएगा जिन्होंने 1986 में यात्रियों की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। इस फैसले को भारतीय वायुसेना से मंजूरी मिल गई है। माना जा रहा है कि इससे युवाओं खासकर महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी और वे भी देश की सेवा के लिए आगे आएंगी।
कौन हैं अवनी चतुर्वेदी?
अवनी चतुर्वेदी भारत की पहली महिला फाइटर पायलटों में से एक हैं। उनका जन्म मध्य प्रदेश के सतना जिले के कोठीकंचन गांव में हुआ था। उनका परिवार शुरू से ही देश की सेवा से जुड़ा रहा है।

अवनी की शिक्षा और परिवार
: शुरुआती पढ़ाई मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में हुई।
: आगे की पढ़ाई के लिए राजस्थान के वनस्थली विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की।
: पिता – मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन विभाग में इंजीनियर हैं।
: मामा – भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल रह चुके हैं।
: भाई निरभ – भारतीय सेना में कैप्टन हैं।
यह भी पढ़ें: चार्जिंग की झंझट खत्म: Lenovo ने पेश की अनोखी Technology, अब आ गया है धूप से चार्ज होने वाला लैपटॉप
कैसे बनीं भारत की पहली फाइटर पायलट?
जून 2016 में पहली बार तीन महिलाओं को भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में शामिल किया गया था। इनमें अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह थीं।
➤ जुलाई 2016 में अवनी को फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया।
➤ 2016 से पहले महिलाओं को फाइटर प्लेन उड़ाने की इजाजत नहीं थी लेकिन सरकार ने यह मौका दिया।
➤ अवनी ने सुखोई-30 फाइटर जेट उड़ाया और भारत की पहली महिला बनीं जिन्होंने विदेश में जाकर युद्धाभ्यास किया।
नीरजा भनोट कौन थीं?
नीरजा भनोट एक बहादुर फ्लाइट अटेंडेंट थीं जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना यात्रियों को बचाया।

कैसे दी नीरजा ने अपनी शहादत?
➤ 5 सितंबर 1986 को पैन ऍम एयरलाइन्स फ्लाइट 73 मुंबई से न्यूयॉर्क जा रही थी।
➤ फ्लाइट को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया।
➤ नीरजा भनोट ने यात्रियों की मदद और सुरक्षा की लेकिन आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी।
➤ अपनी बहादुरी के कारण नीरजा भनोट को अशोक चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस फैसले का महत्व
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ट्रेनिंग रूम का नाम अवनी चतुर्वेदी और नीरजा भनोट के नाम पर रखना एक ऐतिहासिक कदम है।
इससे क्या फायदा होगा?
➤ युवाओं को प्रेरणा मिलेगी कि वे भी देश की सेवा करें।
➤ महिलाओं को आगे बढ़ने और नई ऊंचाइयां छूने की प्रेरणा मिलेगी।
➤ देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले लोगों को सम्मान मिलेगा।