Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Apr, 2025 08:34 AM
टेक्नोलॉजी जहां एक ओर लोगों की जिंदगी को आसान बना रही है, वहीं कभी-कभी छोटी सी चूक बड़ा खतरा बन जाती है। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां गूगल मैप के बताए रास्ते पर चलना तीन युवकों की जान पर भारी पड़ गया। अगर कुछ...
नेशनल डेस्क: टेक्नोलॉजी जहां एक ओर लोगों की जिंदगी को आसान बना रही है, वहीं कभी-कभी छोटी सी चूक बड़ा खतरा बन जाती है। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां गूगल मैप के बताए रास्ते पर चलना तीन युवकों की जान पर भारी पड़ गया। अगर कुछ सेकंड की देरी होती, तो यह घटना एक बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी।
यह हादसा झांसी के सकरार थाना क्षेत्र स्थित मगरपुर रेलवे स्टेशन के पास हुआ। बोलेरो में सवार तीन युवक ललितपुर जा रहे थे और रास्ता ढूंढने के लिए गूगल मैप का सहारा ले रहे थे। मैप पर दिखाए रास्ते को फॉलो करते हुए चालक एक अनियंत्रित रेलवे क्रॉसिंग पर जा पहुंचा, जहां कोई गेट या चेतावनी बोर्ड नहीं था।
जैसे ही बोलेरो रेलवे ट्रैक पार कर रही थी, गाड़ी पटरियों के बीच गिट्टी में फंस गई। चालक ने गाड़ी निकालने की पूरी कोशिश की, लेकिन इससे पहले कि वह सफल हो पाता, सामने से बुंदेलखंड एक्सप्रेस पूरी रफ्तार से आती दिखी। खतरा भांपते हुए तीनों युवक गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाने में कामयाब हो गए।
ट्रेन चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकने की भरपूर कोशिश की, लेकिन स्पीड इतनी ज्यादा थी कि इंजन ने बोलेरो को जोरदार टक्कर मार दी। गाड़ी के परखच्चे उड़ गए, हालांकि गनीमत रही कि ट्रेन पटरी से नहीं उतरी और कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह के अनुसार, बोलेरो की नंबर प्लेट के जरिए मालिक की पहचान कर ली गई है। उसके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
यह घटना न सिर्फ गूगल मैप की सीमाओं को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि तकनीक पर पूरी तरह निर्भर होना कभी-कभी कितना खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर ऐसे संवेदनशील इलाकों में सतर्कता और सटीक जानकारी की बेहद ज़रूरत होती है।