Edited By Rahul Rana,Updated: 27 Nov, 2024 02:57 PM
झारखंड में नक्सल गतिविधियों का आरोपी और 15 लाख रुपये का इनामी छोटू खरवार मारा गया है। उसकी मौत आपसी लड़ाई के दौरान हुई है। यह घटना 25 नवंबर को रात के समय लातेहार जिले के नवाडीह क्षेत्र में हुई। छोटू खरवार पर 100 से ज्यादा नक्सली घटनाओं में शामिल...
नेशनल डेस्क। झारखंड में नक्सल गतिविधियों का आरोपी और 15 लाख रुपये का इनामी छोटू खरवार मारा गया है। उसकी मौत आपसी लड़ाई के दौरान हुई है। यह घटना 25 नवंबर को रात के समय लातेहार जिले के नवाडीह क्षेत्र में हुई। छोटू खरवार पर 100 से ज्यादा नक्सली घटनाओं में शामिल होने का आरोप था और झारखंड सरकार ने उस पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
15 लाख का इनाम और आपसी लड़ाई
छोटू खरवार (जिसका असली नाम सुजीत उर्फ बिरजू सिंह था) झारखंड के सबसे बड़े नक्सलियों में से एक था। उसकी हत्या आपसी रंजिश के कारण हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक माओवादियों के बीच हाल ही में तनाव बढ़ गया था और इस वजह से वे भीमपांव जंगल के पास एक समझौते के लिए इकट्ठा हुए थे। समझौते के दौरान माओवादियों के बीच हिंसा हुई और एक माओवादी ने गोली चला दी जो सीधे तौर पर छोटू खरवार को लगी। गोली लगने के बाद वह मौके पर ही गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। इसके बाद हमलावरों ने उसका शव छोड़कर जंगल से फरार हो गए।
घटना की जांच जारी
पलामू के डीआईजी वाई एस रमेश ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जंगल में एक शव मिला है जो छोटू खरवार का है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और हत्या के कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
छोटू खरवार की पहचान और आपराधिक इतिहास
छोटू खरवार झारखंड के छिपादोहर इलाके का रहने वाला था और माओवादियों के कोयल-शंख जोन का इंचार्ज था। वह टेरर फंडिंग (आतंकी फंडिंग) के मामलों में भी आरोपी था। 2018 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह मामला 21 दिसंबर 2016 का है जब लातेहार के बालूमाथ थाने की पुलिस ने एक व्यक्ति को 3 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था। उस व्यक्ति ने पुलिस को बताया था कि यह रकम छोटू खरवार की थी जो उसे नक्सल गतिविधियों के लिए उपयोग करने के लिए दी गई थी।
छोटू खरवार की मौत से झारखंड में नक्सली गतिविधियों को लेकर एक नया मोड़ आ सकता है हालांकि यह भी माना जा रहा है कि नक्सलियों के बीच की रंजिश की वजह से उसकी जान गई।