RG Kar मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का किया ऐलान, शनिवार से काम पर लौटेंगे

Edited By Yaspal,Updated: 19 Sep, 2024 10:39 PM

junior doctors of rg kar medical college announced to end the strike

RG Kar मेडिकल कॉलेज के हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को काम पर लौटने का ऐलान किया है। इस दौरान डॉक्टर्स स्वास्थ्य भवन से सीबीआई ऑफिस तक मार्च करेंगे। आरजीकर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की जघन्य हत्या के बाद जूनियर डॉक्टर पिछले 41 दिनों...

कोलकाताः RG Kar मेडिकल कॉलेज के हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को काम पर लौटने का ऐलान किया है। इस दौरान डॉक्टर्स स्वास्थ्य भवन से सीबीआई ऑफिस तक मार्च करेंगे। आरजीकर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की जघन्य हत्या के बाद जूनियर डॉक्टर पिछले 41 दिनों से लगातार हड़ताल कर रहे थे। इससे पहले रविवार को ममता बनर्जी के साथ डॉक्टरों की आधी रात तक मीटिंग हुई। मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए। डॉक्टरों से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर समेत चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था।

जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार 20 सितंबर से स्वास्थ्य भवन और कोलकाता में चल रहे धरना प्रदर्शन को खत्म करने का ऐलान किया है। शनिवार से सभी डॉक्टर काम पर वापस लौटेंगे और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों की मदद करेंगे। पूरे 41 दिनों के बाद डॉक्टर आवश्यक सेवाओं में वापस लौटेंगे।

बता दें कि कोलकाता कांड के विरोध में जूनियर डॉक्टरों के संगठनों ने धरने का ऐलान कर दिया था। इसके चलते बंगाल की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थी। हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की 5 मांगें थीं, जिनमें से ममता सरकार ने 3 को मान लिया। खुद सीएम ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था

ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की 5 में से तीन मांगों को मानते हुए चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को हटा दिया। पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को भी मंगलवार को हटाकर नए आईपीएस अधिकारी को जिम्मा सौंपा। इसके साथ ही कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (उत्तर) को भी हटा दिया गया, जिनके खिलाफ पीड़ित परिवार ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था

जूनियर डॉक्टर्स ने रखी थीं ये 5 मांगें

  • ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद साक्ष्यों को "नष्ट" करने के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय हो और उन्हें सजा दी जाए। 
  • मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ। संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
  • कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे की मांग की।
  • स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की जाए।
  • सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में "धमकी की संस्कृति" को खत्म किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी डेडलाइन
9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा था कि डॉक्टर वापस काम पर लौटें और हम उन्हें दी जाने वाली सभी सुविधाएं सुनिश्चित करेंगे। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि सभी डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी परिस्थितियां बनाई जाएं, जिसमें अलग-अलग ड्यूटी रूम, शौचालय की सुविधा, सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था शामिल है। डॉक्टरों को सबसे पहले काम पर लौटना चाहिए और उन्हें काम पर वापस आकर अपना काम पूरा करना चाहिए।

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