Edited By Radhika,Updated: 28 Mar, 2025 08:55 PM

केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मंजूरी दे दी है। बता दें कि जस्टिस कैश-एट-होम विवाद में फंसे हुए थे।
नेशनल डेस्क : केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मंजूरी दे दी है। बता दें कि जस्टिस कैश-एट-होम विवाद में फंसे हुए थे।
केंद्र सरकार ने जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा छह राज्यों के बार एसोसिएशनों के प्रमुखों से मुलाकात करने के एक दिन बाद लिया गया।
केंद्रीय विधि मंत्रालय ने एक अधिसूचना में बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 222 के तहत और मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद, राष्ट्रपति ने जस्टिस वर्मा को दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील जस्टिस वर्मा के स्थानांतरण का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय को "कूड़ाघर" माना जाता है। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह स्पष्ट किया था कि जस्टिस वर्मा के स्थानांतरण का फैसला नकदी विवाद से संबंधित नहीं है।