Edited By Utsav Singh,Updated: 27 Aug, 2024 01:32 PM
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में बीआरएस (भारतीय राष्ट्र समिति) की एमएलसी, के कविता को जमानत प्रदान कर दी। इस संदर्भ में अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच की प्रक्रिया की आलोचना की।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में बीआरएस (भारतीय राष्ट्र समिति) की एमएलसी, के कविता को जमानत प्रदान कर दी। इस संदर्भ में अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच की प्रक्रिया की आलोचना की। सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन शामिल थे, ने सीबीआई और ईडी से पूछा कि उनके पास यह साबित करने के लिए क्या ठोस सबूत हैं कि के कविता कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में शामिल थीं।
दोनों जांच एजेंसिया स्पष्ट जानकारी प्रदान करें
के कविता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने जमानत की मांग करते हुए तर्क किया कि उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही जांच पहले ही पूरी हो चुकी है। मुकुल रोहतगी ने यह भी उल्लेख किया कि शीर्ष अदालत ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में सह-आरोपी और आप के नेता मनीष सिसौदिया को जमानत दी है, जिससे उनके मामले की समानता को उजागर किया। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकार जमानत की अनुमति दी और दोनों जांच एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे मामले में अपने दावे और सबूतों के बारे में स्पष्ट जानकारी प्रदान करें।
के कविता ने अपने मोबाइल फोन को फॉर्मेट कर दिया...
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान, जांच एजेंसियों की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दावा किया कि के कविता ने अपने मोबाइल फोन को फॉर्मेट कर दिया था। उन्होंने इस व्यवहार को सबूतों के साथ छेड़छाड़ के रूप में पेश किया। राजू ने कहा कि के कविता का यह कदम जांच को प्रभावित करने और सबूतों को नष्ट करने की कोशिश को दर्शाता है। के कविता के वकील ने इस आरोप को पूरी तरह से असत्य और आधारहीन बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मोबाइल फोन को फॉर्मेट करना कोई असामान्य या आपत्तिजनक गतिविधि नहीं है और यह किसी भी तरह से जांच में बाधा डालने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का इरादा नहीं दर्शाता।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस आरोप के जवाब में एजेंसियों के वकील से सख्त सवाल पूछा। बेंच ने राजू से यह पूछा कि उनके पास के कविता की अपराध में शामिल होने को लेकर क्या ठोस और विश्वसनीय सामग्री है। कोर्ट ने यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि उन्हें यह साबित करने के लिए क्या सबूत हैं कि के कविता इस घोटाले में शामिल थीं।