Edited By Mahima,Updated: 18 Nov, 2024 10:34 AM
कैलाश गहलोत, नजफगढ़ से AAP विधायक और पूर्व मंत्री, ने रविवार को आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी के आंतरिक विवादों और दिल्ली की प्रगति पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया। गहलोत आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं।...
नेशनल डेस्क: दिल्ली सरकार के वरिष्ठ मंत्री और नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत ने रविवार को आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा दे दिया था, और अब सूत्रों के मुताबिक, वह आज (सोमवार) दोपहर 12:30 बजे भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं। गहलोत के इस्तीफे और उनके पार्टी बदलने के फैसले से दिल्ली की राजनीति में एक नई हलचल पैदा हो गई है, खासकर दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र जो फरवरी 2025 में होने वाले हैं।
AAP से इस्तीफे के कारण
कैलाश गहलोत ने अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए लिखा कि वह अब आम आदमी पार्टी के अंदर मौजूद कई विवादों और समस्याओं के कारण पार्टी से अलग हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि "नया बंगला" जैसे विवादों ने उनके विश्वास को हिलाकर रख दिया है और अब यह संदेह पैदा हो गया है कि क्या हम अब भी "आम आदमी" होने में विश्वास करते हैं? गहलोत का आरोप था कि पार्टी का अधिकांश समय केंद्र सरकार से लड़ाई में ही गुजर रहा है, जिससे दिल्ली की वास्तविक प्रगति नहीं हो पा रही। गहलोत ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा कि पार्टी में हो रहे बदलावों और प्रशासनिक समस्याओं के कारण अब वह आम आदमी पार्टी के राजनीतिक एजेंडे से सहमत नहीं रह पाए। उनका कहना था, "हम लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय सिर्फ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की खातिर लड़ रहे हैं। इस कारण दिल्लीवासियों को बुनियादी सेवाएं देने में भी मुश्किलें आ रही हैं।"
मंत्री पद से इस्तीफा
AAP से इस्तीफा देने के साथ-साथ कैलाश गहलोत ने अपने मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया था। गहलोत दिल्ली सरकार में गृह, प्रशासनिक सुधार, आईटी, और महिला एवं बाल विकास विभागों के प्रभारी थे। इस्तीफे के बाद, वह अब किसी सरकारी पद पर नहीं हैं और पार्टी में अपनी नई राजनीतिक दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। गहलोत का इस्तीफा दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले हुआ है, जो अगले साल फरवरी में होने हैं, और इसे एक बड़ा राजनीतिक कदम माना जा रहा है।
बीजेपी में शामिल होने की तैयारी
AAP से इस्तीफा देने के बाद, कैलाश गहलोत के बीजेपी में शामिल होने की संभावना की चर्चा शुरू हो गई थी। सूत्रों का कहना है कि गहलोत आज (सोमवार) दोपहर 12:30 बजे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बीजेपी नेताओं के साथ उनकी मुलाकात और पार्टी में शामिल होने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, और यह भी कहा जा रहा है कि गहलोत को दिल्ली की राजनीति में बीजेपी के तरफ से एक नया अवसर मिल सकता है।
बीजेपी सांसद की प्रतिक्रिया
कैलाश गहलोत के इस्तीफे पर दिल्ली बीजेपी सांसद हर्ष मल्होत्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गहलोत के इस्तीफे से यह साफ हो गया है कि उन्हें आम आदमी पार्टी में खुद को घुटता हुआ महसूस हो रहा था। उन्होंने कहा, "गहलोत मंत्री रहते हुए दिल्ली की जनता के लिए कुछ खास नहीं कर पाए थे। उनका इस्तीफा यह दर्शाता है कि अब वह पार्टी में अपनी स्थिति से संतुष्ट नहीं थे।" मल्होत्रा ने गहलोत से जुड़े एक और अहम मुद्दे का उल्लेख करते हुए कहा कि कैलाश गहलोत पर डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) के घोटाले में आरोप हैं और पार्टी इस मामले में उनकी गिरफ्तारी की मांग करती रहेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर गहलोत पर भ्रष्टाचार के आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए, चाहे वह किसी भी पार्टी से जुड़े हों।
राजनीतिक असर और भविष्य की संभावनाएं
कैलाश गहलोत का इस्तीफा दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में गहलोत की राजनीतिक यात्रा और बीजेपी में उनका संभावित प्रवेश चुनावी दंगल में एक नई चाल के रूप में सामने आ सकता है। बीजेपी के लिए गहलोत के आने से न केवल दिल्ली सरकार के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा, बल्कि उन्हें दिल्ली के चुनावों में एक ताकतवर नेता के रूप में एक नई पहचान भी मिल सकती है। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है, खासकर जब उनकी टीम में एक वरिष्ठ मंत्री ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया हो।
पार्टी के लिए इस इस्तीफे की वजह से कुछ और भीतरू विवाद सामने आ सकते हैं, जो दिल्ली में AAP की सत्ता के लिए चुनौती पैदा कर सकते हैं। कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा और बीजेपी में शामिल होने का निर्णय दिल्ली की राजनीति में एक नई करवट ले सकता है। उनके इस कदम से जहां आम आदमी पार्टी को आघात पहुंच सकता है, वहीं बीजेपी के लिए यह एक राजनीतिक लाभ साबित हो सकता है, खासकर चुनावों से पहले। गहलोत के इस कदम को लेकर दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच आगामी दिनों में और भी अधिक बयानबाजी और राजनीतिक बयान देखने को मिल सकते हैं।