भारत और चीन के बीच अनबन के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से होगी शुरू

Edited By Rahul Rana,Updated: 22 Dec, 2024 04:04 PM

kailash mansarovar yatra will start again after the rift between india and china

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सुलझने के बाद अब कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने जा रही है। यह यात्रा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से होकर होती है जो पहले जोखिम भरा और लंबा मार्ग माना जाता था। हालांकि इस बार यात्रा को ज्यादा सुगम और आरामदायक बनाने के...

नेशनल डेस्क। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सुलझने के बाद अब कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने जा रही है। यह यात्रा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से होकर होती है जो पहले जोखिम भरा और लंबा मार्ग माना जाता था। हालांकि इस बार यात्रा को ज्यादा सुगम और आरामदायक बनाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं।

क्या है नया बदलाव?

पहले कैलाश यात्रा के लिए पिथौरागढ़ से ट्रैकिंग करके लिपुलेख दर्रा तक पहुंचने में 12 दिन लगते थे और फिर तिब्बत में 10 दिन बिताने पड़ते थे। कुल मिलाकर पूरी यात्रा में 22 दिन लगते थे लेकिन अब इस यात्रा का समय घटा दिया गया है। अब यात्रियों को केवल 16 दिन लगेंगे जिनमें 6 दिन उत्तराखंड में और 10 दिन तिब्बत में रहना होगा। उत्तराखंड में 6 दिन यात्रा में आने-जाने के लिए 3-3 दिन दिए गए हैं।

यात्रा का मार्ग और स्टॉपेज

नई यात्रा मार्ग में तीन प्रमुख स्टॉपेज होंगे:

1. बुधि गांव – पहला स्टॉप पिथौरागढ़ के धारचूला से 6 घंटे की यात्रा के बाद बुधि गांव होगा, जहां यात्री रात बिताएंगे।
2. गुंजी गांव – इसके बाद अगले दिन 3 घंटे में गुंजी पहुंचकर रुकेंगे।
3. लिपुलेख दर्रा – तीसरे दिन लिपुलेख दर्रा पार कर चीन की सीमा में प्रवेश करेंगे।

चीन में 80 किमी की वाहन यात्रा के बाद यात्री कुगू पहुंचेंगे और फिर कैलाश मानसरोवर झील तक जाएंगे।

यात्रा खर्च और सब्सिडी

यात्रा के खर्च के बारे में अभी कुछ तय नहीं हुआ है। 2019 में जब उत्तराखंड रूट से यात्रा बंद हुई थी तो एक यात्री का खर्च लगभग 1.25 लाख रुपये था। इसमें से 50,000 रुपये चीनी अधिकारियों को और 32,000 रुपये कुमाऊं मंडल विकास निगम को देना पड़ता था। बाकी खर्च यात्रा के आने-जाने और अन्य व्यवस्थाओं पर होता था।

हालांकि केंद्र और राज्य सरकारें इस पर सब्सिडी देने पर विचार कर रही हैं। 2019 में यूपी सरकार ने प्रति यात्री 1 लाख रुपये की सब्सिडी दी थी और उस समय सबसे अधिक यात्री यूपी से थे।

सिक्किम रूट पर भी तैयारी शुरू

कैलाश यात्रा का एक और वैकल्पिक मार्ग सिक्किम के नाथू ला दर्रे से भी होता है। इस रूट पर भी तैयारी शुरू हो गई है। यात्री दिल्ली से गंगटोक जाएंगे और फिर नाथू ला दर्रा पार करके चीन जाएंगे। जल्द ही चौकियां बनाई जाएंगी ताकि इस मार्ग से भी यात्रा की जा सके।

लिपुलेख दर्रा से कैलाश दर्शन

जब से चीन ने कैलाश यात्रा का मार्ग बंद कर दिया था तब भारत सरकार ने लिपुलेख दर्रे के एक खास पॉइंट से कैलाश पर्वत के दर्शन कराने की व्यवस्था की थी। 8 अक्टूबर 2023 को पहले जत्थे के 5 यात्रियों ने यहां से कैलाश पर्वत के दर्शन किए। इस कैलाश व्यू पॉइंट से दर्शन के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।

अंत में कह जा सकता है कि इस तरह कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने जा रही है और इसके लिए सभी तैयारियां तेज़ी से की जा रही हैं। यात्रा को और भी सुगम बनाने के लिए कई सुधार किए गए हैं ताकि यात्री बिना किसी परेशानी के इस पवित्र स्थान की यात्रा कर सकें।

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