Edited By Parminder Kaur,Updated: 01 Sep, 2024 11:39 AM
चार दिन पहले जैतारण में एक सड़क दुर्घटना के बाद ब्रेन डेड हो चुकी 46 वर्षीय कंवराई देवी का अंगदान शनिवार को एम्स जोधपुर में किया गया। कंवराई देवी की एक किडनी को जालोर के 50 वर्षीय व्यक्ति को ट्रांसप्लांट किया गया। दूसरी किडनी, हार्ट और लिवर को ग्रीन...
नेशनल डेस्क. चार दिन पहले जैतारण में एक सड़क दुर्घटना के बाद ब्रेन डेड हो चुकी 46 वर्षीय कंवराई देवी का अंगदान शनिवार को एम्स जोधपुर में किया गया। कंवराई देवी की एक किडनी को जालोर के 50 वर्षीय व्यक्ति को ट्रांसप्लांट किया गया। दूसरी किडनी, हार्ट और लिवर को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जयपुर भेजा गया।
जयपुर पहुंचने पर किडनी और हार्ट को एसएमएम अस्पताल में ट्रांसप्लांट किया गया, जबकि लिवर को महात्मा गांधी अस्पताल भेजा गया। एम्स में यह तीसरा अंगदान था, जिसमें किसी ब्रेन डेड मरीज के अंगों का ट्रांसप्लांट किया गया।
कंवराई देवी के पति रतनलाल ने बताया कि उनकी पत्नी ने 45 दिन पहले एक अंगदान शिविर में अंगदान करने की इच्छा व्यक्त की थी। उस समय उन्हें नहीं पता था कि इतनी जल्दी अंगदान की जरूरत पड़ेगी। कंवराई देवी ने जाते-जाते 4 लोगों को नया जीवन दिया।
ऑर्गन रिट्रीवल प्रक्रिया एम्स जोधपुर की ऑर्गन ट्रांसप्लांट टीम ने प्रो. जी.डी. पुरी, प्रो. एएस संधू, डॉ. दीपक झा और नोडल ऑफिसर डॉ. शिव चरण नावरिया की देखरेख में पूरी की।
ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण
एम्स अस्पताल से लेकर पुलिस चौकी इंचार्ज धन्नाराम काला के नेतृत्व में एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया, जो एयरपोर्ट तक जाता है। जयपुर एयरपोर्ट से एसएमएस अस्पताल और महात्मा गांधी अस्पताल तक भी एक और ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किया गया। कंवराई देवी का शव एम्स की एंबुलेंस में फलों से सजाकर उनके गांव रवाना किया गया।
रतनलाल ने बताया कि कंवराई देवी 28 अगस्त को अपने बेटे के साथ बाइक पर जैतारण से खारिया मीठापुर जा रही थीं। रास्ते में एक तरफ जातरू (पशुओं का झुंड) थे और दूसरी तरफ गलत दिशा में एक कार आ गई। बाइक को बचाने के प्रयास में स्लिप हो गई। बाइक गाय को बचाने के प्रयास में फिसल गई। घायल कंवराई देवी को तीन घंटे बाद अस्पताल पहुंचाया गया। वे ईएनटी (कान, नाक, गला) रक्तस्त्राव, शरीर पर कई खरोंच और बेहोशी की हालत में अस्पताल आईं। 30 अगस्त को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।