Edited By Radhika,Updated: 21 Mar, 2025 01:04 PM

दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है। इस घटना के बाद से यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब जज के आवास में आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी गई थी।
नेशनल डेस्क : दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है। इस घटना के बाद से यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब जज के आवास में आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी गई थी। आग बुझाने के दौरान कर्मचारियों को एक कमरे में भारी रकम मिली, जिससे मामले की गंभीरता बढ़ गई।
कपिल सिब्बल का बयान-
इस मामले पर देश के वरिष्ठ और चर्चित अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपना बयान दिया। उन्होंने कहा, "मुझे इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है, इसलिए मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।" सिब्बल ने आगे कहा, "भ्रष्टाचार एक गंभीर मुद्दा है, खासकर न्यायपालिका के भीतर। अब समय आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर विचार करना चाहिए कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को और पारदर्शी या अधिक सावधानी से किया जाए।"
लखनऊ हाई कोर्ट के जज पर टिप्पणी-
इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने लखनऊ हाई कोर्ट के जज द्वारा दिए गए विवादित बयान पर भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, "भगवान इस देश को बचाए, क्योंकि ऐसे न्यायाधीश संवैधानिक पदों पर काम कर रहे हैं।" बता दें कि लखनऊ हाई कोर्ट के एक जज ने टिपण्णी दी थी कि रेप के एक मामले में महिला के स्तनों को पकड़ने और पायजामे की डोरी तोड़ने की घटना को रेप के आरोपों के लिए पर्याप्त नहीं माना गया था।
जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर-
जस्टिस यशवंत वर्मा का मामला बढ़ने के बाद, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कॉलेजियम की बैठक बुलाकर इस पर विचार किया। कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने का फैसला लिया।
न्यायपालिका की पारदर्शिता पर सवाल-
कपिल सिब्बल ने न्यायपालिका की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने की आवश्यकता है। इस घटना ने न्यायपालिका के भीतर भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की जरूरत को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।