Kargil Vijay Diwas : भारतीय सेना की शौर्य गाथा की यादें, जब 527 जवानों की कुर्बानी के बाद फहराया गया था तिरंगा

Edited By Mahima,Updated: 26 Jul, 2024 10:38 AM

kargil vijay diwas memories of the valor of the indian army

आज पूरे देश ने उन वीर जवानों को याद किया जिन्होंने 25 साल पहले कारगिल युद्ध में अपनी जान की बाजी लगा दी थी। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने विजय का प्रतीक बनाते हुए पाकिस्तानी अशिक्षितता को पूरी तरह हराया था।

नेशनल डेस्क: आज पूरा देश उन वीर जवानों को याद कर रहा है, जिन्होंने 25 साल पहले कारगिल युद्ध में अपनी जान की बाजी लगा दी थी। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने विजय का प्रतीक बनाते हुए पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह हराया था। इस दिन को हर साल कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिससे सम्मानित होती हैं उन बहादुर सैनिकों की यादें। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने न केवल अपने जांबाज सैनिकों की ताकत को साबित किया, बल्कि दुनिया को भी दिखाया कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी स्थिति में तैयार है।

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देश ने 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया
इस विजय के लिए बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, लेकिन हमारी सेना ने उन सभी चुनौतियों को पार किया। बता दें कि करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था, वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे। पाकिस्तान ने इस युद्ध की शुरुआत 3 मई 1999 को की थी जब उसने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। इस बात की जानकारी जब भारत सरकार को मिली तो सेना द्वारा पाक सैनिकों को पीछे खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय को चलाया और विजय हासिल। वहीं बात करें भारतीय वायुसेना की तो पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया गया था।

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इसके बाद पाकिस्तान ने जिस-जिस जगह पर कब्जा किया था वहां बम गिराए गिरा कर उनका खात्मा किया। इसके अलावा मिग-29 की सहायता से पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया। युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने अपनी वायु और सुदृढ़ भूमि सेना के साथ-साथ, नेतृत्व में विशेषज्ञता दिखाई और पाकिस्तान के जरिए आतंकवाद को बड़े पैमाने पर हराया। इस दौरान करीब दो लाख पचास हजार गोले दागे गए। वहीं 5,000 बम फायर करने के लिए 300 से ज्यादा मोर्टार, तोपों और रॉकेट लांचर का इस्तेमाल किया गया।

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लड़ाई के 17 दिनों में हर रोज प्रति मिनट में एक राउंड फायर किया गया। बताया जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यही एक ऐसा युद्ध था जिसमें दुश्मन देश की सेना पर इतनी बड़ी संख्या में बमबारी की गई थी। इस युद्ध ने हमारी देशभक्ति और सेना के प्रति विश्वास को मजबूती से बढ़ाया और हमें एक मजबूत राष्ट्र की ओर आगे बढ़ने का संकेत दिया। आज हम सभी इसी उत्कृष्ट उदाहरण को स्मरण करते हैं और अपने वीर योद्धाओं को उनकी बहादुरी के लिए सलामी अर्पित करते हैं। इस विशेष दिन पर, हम सबको एकजुट होकर भारतीय सेना के वीर योद्धाओं की शक्ति, साहस और समर्पण की प्रशंसा करनी चाहिए।

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जानिए कैसा था कारगिल जंग का पूरा घटनाक्रम

1. 3 मई 1999: एक चरवाहा भारतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तानी सैन्य घुसपैठ के बारे में सूचित करता है।
2. 5 मई: कारगिल में पाकिस्तानी सेना द्वारा एक भारतीय गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पाँच सैनिक मारे जाते हैं।
3. 9 मई: कारगिल में भारतीय गोला-बारूद के भंडार पाकिस्तानी तोपखाने की गोलाबारी से नष्ट हो जाते हैं।
4. 10 मई: पाकिस्तानी घुसपैठियों को पहली बार लद्दाख के द्रास, काकसर और मुश्कोह सेक्टरों में देखा जाता है।
5. 26 मई: भारतीय वायु सेना को कार्रवाई करने का आदेश दिया जाता है।
6. 27 मई: भारतीय वायु सेना पाकिस्तान के खिलाफ़ मिग-27 और मिग-29 जेट का इस्तेमाल करती है; फ़्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता को पकड़ लिया जाता है।
7. 28 मई: पाकिस्तान द्वारा एक मिग-17 हेलीकॉप्टर को मार गिराया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप चार भारतीय सैनिक मारे जाते हैं।
8. 1 जून: NH-1A पर पाकिस्तान द्वारा भारी गोलाबारी।
9. 5 जून: भारतीय सेना ने पाकिस्तानी रेंजर्स के पकड़े गए दस्तावेजों को जारी किया, जिसमें उनकी मौजूदगी का विवरण था।
10. 6 जून: भारतीय सेना ने बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई शुरू की।
11. 9 जून: भारतीय सेना ने बाल्टिक सेक्टर में दो प्रमुख अग्रिम चौकियों पर फिर से कब्ज़ा कर लिया।
12. 11 जून: भारत ने जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ और लेफ्टिनेंट जनरल अज़ीज़ ख़ान के साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग जारी की, जिसमें घुसपैठ में पाकिस्तान का हाथ बताया गया।
13. 13 जून: भारतीय सेना ने द्रास सेक्टर में टोलोलिंग पर कब्ज़ा कर लिया।
14. 15 जून: अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान से कारगिल से हटने का आग्रह किया।
15. 29 जून: भारतीय सेना ने टाइगर हिल के पास रणनीतिक प्वाइंट 5060 और प्वाइंट 5100 पर फिर से कब्ज़ा कर लिया।
16. 2 जुलाई: भारतीय सेना ने कारगिल पर तीन-तरफा हमला किया।
17. 4 जुलाई: भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर फिर से कब्ज़ा कर लिया।
18. 5 जुलाई: भारतीय सेना ने द्रास सेक्टर में अपनी स्थिति फिर से हासिल कर ली; पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बिल क्लिंटन को कारगिल से अपनी सेना की वापसी की सूचना दी।
19. 7 जुलाई: भारतीय सेना ने बटालिक सेक्टर में जुबार हिल पर कब्ज़ा कर लिया।
20. 11 जुलाई: पाकिस्तानी रेंजर्स ने बटालिक से पीछे हटना शुरू कर दिया।
21. 14 जुलाई: प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने ऑपरेशन विजय में जीत की घोषणा की।
22. 26 जुलाई: तत्कालीन प्रधानमंत्री ने इस दिन को विजय दिवस (विजय दिवस) के रूप में मनाने की घोषणा की।

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