Edited By Utsav Singh,Updated: 04 Nov, 2024 07:37 PM
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए यह स्थिति काफी गंभीर है, क्योंकि उन्हें मैसूर भूमि घोटाला मामले में लोकायुक्त द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है। यह समन ऐसे समय पर आया है जब राज्यपाल ने लोकायुक्त को मुख्यमंत्री से पूछताछ की अनुमति देने का...
नेशनल डेस्क : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए यह स्थिति काफी गंभीर है, क्योंकि उन्हें मैसूर भूमि घोटाला मामले में लोकायुक्त द्वारा 6 नवंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है। यह समन ऐसे समय पर आया है जब राज्यपाल ने लोकायुक्त को मुख्यमंत्री से पूछताछ की अनुमति देने का अधिकार दिया है।
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आपको बता दें कि इस मामले में, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बीएम के खिलाफ पहले ही पूछताछ हो चुकी है। आरोप है कि केसारे गांव में 3.16 एकड़ जमीन के बदले पार्वती को 14 उच्च मूल्य के भूखंड आवंटित किए गए, जिससे राज्य को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह आरोप एक भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता की शिकायत के बाद उभरा है।
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अब लोकायुक्त ने विशेष अदालत के आदेश पर एफआईआर भी दर्ज कर ली है, जिससे इस मामले की गंभीरता और बढ़ गई है। मुख्यमंत्री के लिए यह स्थिति उनके प्रशासन और राजनीतिक छवि पर नकारात्मक असर डाल सकती है। सभी की नजरें अब आगे की कार्रवाई और जांच पर रहेंगी।
वहीं इस मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुष्टि की है कि मैसूर लोकायुक्त ने MUDA (मैसूर विकास प्राधिकरण) के संबंध में नोटिस जारी किया है। उन्होंने यह भी बताया कि वे 6 नवंबर को मैसूर लोकायुक्त के पास जाएंगे। यह बयान इस मामले में उनकी सहमति और सहयोग को दर्शाता है। उनके इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि वे जांच प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए तैयार हैं। इस घटना से राजनीतिक परिदृश्य में और भी हलचल देखने को मिल सकती है।
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हालांकि, बीजेपी ने MUDA घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की है, लेकिन सिद्धारमैया ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने यह भी जोर दिया है कि विपक्षी नेताओं को भी इस्तीफा देना चाहिए, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हैं।