Edited By Parveen Kumar,Updated: 01 Feb, 2025 06:46 PM
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें राज्य को ‘खाली चोम्बू' (खाली लोटा) दिया गया है। सिद्धरमैया ने कहा कि उन्हें कर्नाटक के लिए बजट से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन उनमें से कोई भी पूरी नहीं हुई।
नेशनल डेस्क : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें राज्य को ‘खाली चोम्बू' (खाली लोटा) दिया गया है। सिद्धरमैया ने कहा कि उन्हें कर्नाटक के लिए बजट से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन उनमें से कोई भी पूरी नहीं हुई। उन्होंने मैसुरु में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘देश के दृष्टिकोण से, विशेष रूप से कर्नाटक के लिए, 2025-26 का केंद्रीय बजट बहुत निराशाजनक है। इस बजट में कोई दूरदर्शिता नहीं है।''
सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने इस बजट में शामिल करने के लिए केंद्र को कई अनुरोध भेजे थे, लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि कर्नाटक दूसरा सबसे अधिक कर देने वाला राज्य है, लेकिन उसे कर में सबसे कम हिस्सेदारी मिलती है। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘कनकपुरा में कावेरी पर मेकेदातु जलाशय, ऊपरी भद्रा जल परियोजना, महादयी नदी और कृष्णा नदी सिंचाई परियोजनाओं जैसी हमारी परियोजनाओं पर कोई विचार नहीं किया गया। हमें बजट से बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन यह उन पर खरा नहीं उतर सका।''
उन्होंने कहा, ‘‘बेंगलुरू में हमने वर्षा जल निकासी परियोजना और व्यापार गलियारों के लिए धन मांगा था, लेकिन हमें ‘खाली चोम्बू' मिला। कुल मिलाकर, यह बजट कर्नाटक को ‘चोम्बू' देता है।'' मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बिहार और आंध्र प्रदेश को बजट में बड़ा हिस्सा मिला है। सिद्धरमैया ने रेखांकित किया, ‘‘केंद्र में गठबंधन सरकार है। राजनीतिक कारणों से बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष अनुदान दिया गया है। पिछले साल और इस साल भी उन्हें पैकेज दिया गया। एक तरह से यह बजट बिहार और आंध्र प्रदेश पर अधिक जोर देता है।''
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि जिस तरह कर्नाटक को ‘चोम्बू' मिला, उसी तरह बिहार को भी ‘चोम्बू' मिलेगा। मुख्यमंत्री ने हालांकि, स्वीकार किया कि उन्होंने पूरा बजट नहीं पढ़ा है और वह सीतारमण का पूरा बजट भाषण नहीं सुन सके। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैंने बजट की मुख्य विशेषताएं देखी हैं।'' कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री प्रियंक खरगे ने कहा कि ये महज घोषणाएं हैं और इनमें से कोई भी पूरी नहीं होगी। उन्होंने हुबली में मीडिया से कहा, ‘‘मुझे बजट से कोई उम्मीद नहीं है। हम पिछले 10 वर्षों से यह देख रहे हैं। मोदी के मास्टरस्ट्रोक के कारण बेरोजगारी अपने चरम पर है।''