कर्नाटक सरकार ने ठंडे बस्ते में डाला निजी क्षेत्र में कन्नड़ लोगों के लिए आरक्षण, आईए जानते हैं क्यों

Edited By Rahul Rana,Updated: 18 Jul, 2024 03:14 PM

karnataka government put on hold reservation for kannadigas in private sector

कर्नाटक सरकार द्वारा लाया गया विधेयक जिसमें कन्नड़ लोगों के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण देनें की बात की जा रही थी उस विधेयक को अब कर्नाटक सरकार नें ठंडे बस्ते में ही डालना उचित समझा।

नेशनल डेस्क : कर्नाटक सरकार द्वारा लाया गया विधेयक जिसमें कन्नड़ लोगों के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण देनें की बात की जा रही थी उस विधेयक को अब कर्नाटक सरकार नें ठंडे बस्ते में ही डालना उचित समझा। कर्नाटक राज्य उद्योग, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों के लिए रोजगार विधेयक, 2024 को सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। इस विधेयक की उद्योग औऱ प्रौद्योगिकी क्षेत्र के बड़े औऱ नामचिन लोगों ने काफी आलोचना की थी। बीते शाम सरकार इस फैसले से पिछे हट गई और माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि विधेयक अभी भी "तैयारी" के चरण में है और सरकार अगली कैबिनेट बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद इस पर निर्णय लेगी। कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने कहा, "उद्योग जगत के मालिकों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार नौकरियों के और सृजन तथा  कन्नड़ लोगों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। विधेयक में कहा गया था कि किसी भी उद्योग, कारखाने या अन्य प्रतिष्ठानों को प्रबंधन श्रेणियों में 50 प्रतिशत और गैर-प्रबंधन श्रेणियों में 70 प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों की नियुक्ति करनी होगी।


पिछे हटने का मुख्य कारण
जैसे ही यह खबर सामने आई उद्योग जगत चिंतित औऱ परेशान हो गया औऱ प्रतिक्रिया भी आना शुरू हो गया। दिग्गजों ने इस विधेयक को एक “अदूरदर्शी”, “फासीवादी” कदम बताया और कहा यह फैसला राज्य की निवेशक-अनुकूल छवी को नुकसान पहुंचा सकता है। जहां बड़ी संख्या में तकनीकी कंपनियां, हजारों स्टार्टअप और कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) हैं लेकिन यह विधेयक कंपनियों को राज्य से पलायन करने पर मजबूर कर सकता है। सरकार के इस फैसले से चौतरफा विरोध होना शुरू हो गया था और शीर्ष कंपनियों के सीईओ और उद्योग जगत के दिग्गजों द्वारा कर्नाटक सरकार को चेतावनी दिए जाने के बाद सरकार ने अपने कदम पीछे खींच लिए दिग्गजों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि निजी क्षेत्र में नौकरी में आरक्षण पर प्रस्तावित कानून की वजह से कंपनियां राज्य से बाहर जा सकती हैं और इससे राज्य की प्रगति बाधित हो सकती है।


राज्य की जीडीपी में टेक कंपनियों का अहम योगदान
टेक कंपनियां राज्य को जीडीपी में करीब 25% योगदान देती है। जिसमें देश की एक चौथाई डिजिटल टेलेंट के अलावा, 11,000 से अधिक स्टार्टअप हैं और कुल वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) का 30% हिस्सा भी इसमें शामिल है.राज्य के जीडीपी में कृषि और इससे जुड़े उद्योग 15 प्रतिशत और विनिर्माण क्षेत्र 13.3 प्रतिशत का योगदान देते हैं। राज्य ने अक्टूबर 2019 से दिसंबर 2022 तक महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया। इस अवधि के दौरान भारत को प्राप्त एफडीआई में कर्नाटक का योगदान 24 प्रतिशत रहा।


बेंगलुरू है IT हब
कर्नाटक का बेंगलुरु शहर आईटी और टेक हब कहा जाता है जहां हज़ारों भारतीय स्टार्टअप और अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां स्थित हैं। जिनमें वॉलमार्ट से लेकर अल्फाबेट की गूगल (GOOGLE) तक शामिल हैं। दो भारतीय टेक समूह इंफोसिस और विप्रो (WIPRO) भी इसी शहर से संचालित होते हैं।
 

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