कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज की दुष्कर्म और जबरन धर्मांतरण के आरोपी की जमानत

Edited By Parminder Kaur,Updated: 26 Aug, 2024 03:26 PM

karnataka high court rejects bail of accused of rape and forced conversion

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक विवाहित महिला को बंधक बनाकर उसके साथ बलात्कार करने और उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपी रफीक पर आरोप है कि उसने बेलगावी जिले के सावदत्ती तालुक के मुनावल्ली गांव की एक...

नेशनल डेस्क. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक विवाहित महिला को बंधक बनाकर उसके साथ बलात्कार करने और उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपी रफीक पर आरोप है कि उसने बेलगावी जिले के सावदत्ती तालुक के मुनावल्ली गांव की एक अनुसूचित जाति की महिला से दोस्ती की और उसे बेलगावी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया।

जब महिला बेलगावी पहुंची, तो रफीक ने उसे बंधक बना लिया और उसके साथ कई बार बलात्कार किया। इसके बाद उसने महिला पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव डाला। महिला किसी तरह आरोपी के चंगुल से भागने में सफल रही और उसने अपने पति को इस घटना की जानकारी दी। इसके बाद रफीक को गिरफ्तार कर लिया गया।

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस. रचैया ने हाल ही में एक आदेश में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने और समाज में कमजोर वर्गों की रक्षा में न्यायपालिका की भूमिका के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अपराध की गंभीरता और इसके सामाजिक प्रभाव को देखते हुए अदालतों से एक मजबूत संदेश की जरूरत है।

रफीक को निचली अदालत ने भी जमानत देने से मना कर दिया था। उस पर भारतीय दंड संहिता, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून और कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण अधिनियम 2022 की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
 

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