Edited By Utsav Singh,Updated: 22 Sep, 2024 12:11 PM
कर्नाटक हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी श्रीशानंद ने हाल ही में अपने विवादित बयानों के लिए खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियों का उद्देश्य समाज के किसी वर्ग की भावनाओं को आहत करना नहीं था, और यह सब अनजाने में हुआ।
कर्नाटक : कर्नाटक हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी श्रीशानंद ने हाल ही में अपने विवादित बयानों के लिए खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियों का उद्देश्य समाज के किसी वर्ग की भावनाओं को आहत करना नहीं था, और यह सब अनजाने में हुआ। यह स्पष्टीकरण उन्होंने बेंगलुरु एडवोकेट्स एसोसिएशन के सदस्यों की मौजूदगी में अदालत में दिया।
यह भी पढ़ें- भारत का एक ऐसा गांव जहां मर्द करते हैं 2 शादियां, सगी बहनों की तरह रहती हैं सौतनें
विवादित बयान का विवरण:
28 अगस्त को, रोड सेफ्टी पर चर्चा करते हुए, न्यायमूर्ति श्रीशानंद ने बेंगलुरु के एक इलाके को पाकिस्तान कहा। इसके अलावा, उन्होंने एक महिला वकील के बारे में भी विवादास्पद टिप्पणी की। इन टिप्पणियों के कारण सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हुई।
यह भी पढ़ें- कानपुर में एक बार फिर ट्रेन को पलटाने की साजिश, ट्रैक पर रखा सिलेंडर, लोको पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा
बेंगलुरु एडवोकेट्स एसोसिएशन का रुख:
बेंगलुरु एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक सुब्बा रेड्डी ने बताया कि न्यायाधीश ने महिला वकील के बारे में की गई टिप्पणी को मुवक्किल के ज्ञान से जोड़ा, लेकिन इसे सही नहीं ठहराया। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जो मामले से संबंधित नहीं हैं। इस पर न्यायमूर्ति श्रीशानंद ने आश्वासन दिया कि वे भविष्य में ऐसी टिप्पणियां नहीं करेंगे।
यह भी पढ़ें- Guru Nanak Dev Death Anniversary: आज है गुरु नानक जी की पुण्यतिथि, जानिए उनकी जीवनी और अनमोल वचन
सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई:
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर को जस्टिस श्रीशानंद की विवादास्पद टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में 5 न्यायाधीशों की पीठ ने कर्नाटक हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगी है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी।
यह पूरा घटनाक्रम न्यायपालिका की गरिमा और न्यायाधीशों की टिप्पणियों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है।