Edited By Tanuja,Updated: 31 Dec, 2024 05:45 PM
25 साल पहले एक महिला अपने घर से अचानक गायब हो गई थी।उसका पति और चार बच्चे थे, जिनमें से एक की बाद में मौत हो गई थी। परिवार ने महिला को बहुत ढूंढा...
International Desk: 25 साल पहले एक महिला अपने घर से अचानक गायब हो गई थी।उसका पति और चार बच्चे थे, जिनमें से एक की बाद में मौत हो गई थी। परिवार ने महिला को बहुत ढूंढा, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाया। इस घटना की चर्चा सोशल मीडिया के जरिए देश-विदेश में हुआ। कर्नाटक के बेल्लारी जिले की ये महिला सकम्मा मानसिक रूप से कमजोर थी और यह चिंता की वजह बन गई थी कि कहीं वह कोई अनहोनी का शिकार न हो जाए। परिवार ने उसे मृत मानकर पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। इस दौरान पुलिस को कर्नाटक में एक दुर्घटना में एक महिला का क्षत-विक्षत शव मिला। पुलिस ने सकम्मा के परिवार को सूचित किया और इस शव का परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया।
हालांकि, असलियत कुछ और ही थी। सकम्मा, जो कि कर्नाटक से गायब होकर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले पहुंच गई थी, चुपचाप वहां एक वृद्धा आश्रम में जीवन बिता रही थी। 2018 में सकम्मा को हिमाचल प्रदेश में लावारिस हालत में पाया गया था। उसे स्थानीय प्रशासन ने एक वृद्धाश्रम में रखवाया। मंडी के डिप्टी कमिश्नर रोहित राठौर ने 18 दिसंबर को भंगरोटू वृद्धाश्रम का दौरा किया और वहां सकम्मा को देखा। जब उन्होंने सकम्मा से बात की तो पता चला कि वह कर्नाटक की रहने वाली हैं और हिंदी नहीं जानतीं। कर्नाटक में रह रही एक एसडीएम नेत्रा मैत्ती, जो कर्नाटक की मूल निवासी हैं, से मदद ली गई। नेत्रा ने सकम्मा से कन्नड़ में बात की और उनके घर और परिवार के बारे में जानकारी प्राप्त की।
नेत्रा ने सकम्मा का वीडियो बनाकर इसे कर्नाटक सरकार के अधिकारियों से साझा किया। इसके बाद कर्नाटक सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने मिलकर सकम्मा के परिवार को ढूंढ लिया। जब सकम्मा के तीनों बच्चों विक्रम, बोधराज और लक्ष्मी ने एयरपोर्ट पर अपनी मां को देखा, तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ। उनके लिए यह एक चमत्कार जैसा था। तीनों बच्चे मां से लिपटकर रोने लगे। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी मां को फिर से जिंदा देखना बेहद भावनात्मक था।
अब सकम्मा दादी और नानी भी बन चुकी हैं। उनके बच्चों की शादी हो चुकी है और वे अब माता-पिता बन चुके हैं, लेकिन सकम्मा को यह सब नहीं पता था, क्योंकि उनकी मानसिक स्थिति सही नहीं थी और उन्हें 25 साल पुरानी बातें ही याद थीं। कर्नाटक सरकार ने सकम्मा को वापस कर्नाटक लाने के लिए तीन अधिकारियों को हिमाचल भेजा। इसके बाद सकम्मा को कर्नाटक वापस लाया गया। सकम्मा के परिवार ने कहा कि एयरपोर्ट पर जब उन्होंने अपनी मां को देखा, तो उनकी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। उन्हें यह एहसास हुआ कि उनकी मां जिंदा है और वे उसे फिर से अपने पास देख रहे हैं।