कश्मीर टाइगर्स ने ली कठुआ आतंकी हमले की जिम्मेदारी, जेसीओ समेत पांच जवान शहीद

Edited By Pardeep,Updated: 09 Jul, 2024 06:25 AM

kashmir tigers took responsibility of kathua terrorist attack

जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के माचेडी इलाके में सोमवार को सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किये गए आतंकवादियों के हमले में जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच जवान शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हुए हैं।

नेशनल डेस्कः जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के माचेडी इलाके में सोमवार को सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किये गए आतंकवादियों के हमले में जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच जवान शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हुए हैं। घात लगाकर किए गए हमले के बाद, आतंकवादी नजदीक के जंगल में भाग गए।

पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े संगठन ‘कश्मीर टाइगर्स' ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकी समूह ने अपने बयान में कहा है कि इस हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने एम4 असाल्ट राफल्स, ग्रेनेड्स और अन्य हथियारों का प्रयोग किया था। 

आतंकियों ने सेना की गाड़ी पर किया हमला आतंकी समूह का कहना है कि अगले कुछ दिनों में वह कई हमलों को अंजाम देने वाला है। कश्मीर टाइगर्स ने कहा कि भारतीय सेना पर यह हमला 26 जून को डोडा में मुठभेड़ के दौरान मारे गए आतंकियों की मौत का बदला है। कठुआ में 8 जून को सेना की गाड़ी पर कई राउड फायरिंग की थी। इस हमले में आतंकियों ने ग्रेनेड से भी हमला किया था। इस दौरान भारतीय सेना के 5 जवान शहीद हो गए। जबकि, 5 घायल जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे हुई, जब कठुआ शहर से 150 किलोमीटर दूर लोहई मल्हार में बदनोता गांव के पास माचेडी-किंडली-मल्हार मार्ग पर सेना का वाहन नियमित गश्त पर था। सेना के वाहन पर 10 जवान सवार थे, जो हमले की जद में आ गए। कठुआ जिले में एक महीने के अंदर यह दूसरा बड़ा हमला है। सोमवार के हमले से पहले 12 और 13 जून को इसी तरह की एक मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गये थे और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान की जान चली गई थी। अधिकारियों ने कहा कि भारी बारिश के बावजूद व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

पुलिस महानिदेशक आर आर स्वैन उधमपुर जिले के बसंतगढ़ से लगे घने वन क्षेत्र में आतंकवाद-रोधी अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं, जहां पूर्व में कई मुठभेड़ हुई हैं। यह वन क्षेत्र उधमपुर जिले के बसंतगढ़ से लगा हुआ है। बसंतगढ़ के पनारा गांव में 28 अप्रैल को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में ग्राम रक्षा प्रहरी मोहम्मद शरीफ की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने कहा कि ऐसी आशंका है कि सीमा पार से घुसपैठ करने के बाद आतंकवादियों ने भीतरी इलाकों तक पहुंचने के लिए इस मार्ग का इस्तेमाल किया था। जम्मू क्षेत्र, जो अपने शांतिपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता है, हाल के महीनों में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों की एक श्रृंखला से दहल गया है। ये हमले सीमावर्ती जिले पुंछ, राजौरी, डोडा और रियासी में हुए हैं। 

आतंकी गतिविधियों में हालिया वृद्धि उनके पाकिस्तानी आकाओं द्वारा आतंकवाद को फिर से बढ़ावा देने के प्रयासों का परिणाम है। डोडा जिले के गंदोह इलाके में हाल ही में हुए हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां ​​हाई अलर्ट पर हैं, जहां 26 जून को मुठभेड़ में तीन विदेशी आतंकवादी मारे गए थे। गोलीबारी की घटना में राजौरी जिले के मंजकोट इलाके में सेना के एक शिविर को निशाना बनाया गया, जिसमें एक सैनिक घायल हो गया था। सबसे दुखद घटनाओं में से एक नौ जून को हुई, जब आतंकवादियों ने रियासी जिले के शिव खोड़ी मंदिर से तीर्थयात्रियों को ला रही एक बस पर हमला किया, जिसमें नौ लोगों की जान चली गई और 41 घायल हुए। ये घटनाएं क्षेत्र में बढ़ती हिंसा की उस प्रवृत्ति को रेखांकित करती है, जिसमें सुरक्षा बलों के वाहनों, खोज दलों और सैन्य काफिलों पर हमलों में नागरिक और सुरक्षाकर्मी दोनों हताहत हुए हैं।

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