Edited By Parveen Kumar,Updated: 30 Dec, 2024 11:29 PM
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा आतिशी को "अस्थायी मुख्यमंत्री" करार दिए जाने पर चिंता व्यक्त की और इसे "संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों की घोर अवहेलना" कहा।
नेशनल डेस्क : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा आतिशी को "अस्थायी मुख्यमंत्री" करार दिए जाने पर चिंता व्यक्त की और इसे "संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों की घोर अवहेलना" कहा। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा कि केजरीवाल की टिप्पणी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान है, जिन्होंने आतिशी को मुख्यमंत्री नियुक्त किया तथा यह उनका (उपराज्यपाल का) भी अपमान है, क्योंकि वह खुद भी राष्ट्रपति के प्रतिनिधि हैं।
आतिशी ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उपराज्यपाल कार्यालय भाजपा के ‘‘प्रॉक्सी'' के रूप में काम कर रहा है और केजरीवाल दिल्ली के ‘‘सबसे बड़े नेता'' हैं। आतिशी को लिखे अपने पत्र में दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले जब आपके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल ने मीडिया में सार्वजनिक रूप से आपको अस्थायी या कामचलाऊ मुख्यमंत्री घोषित किया, तो मुझे यह बेहद आपत्तिजनक लगा और मैं इससे आहत हुआ। यह न केवल आपका अपमान था, बल्कि भारत के राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधि के रूप में मेरा भी अपमान था।"
उन्होंने कहा, "केजरीवाल द्वारा आपके पद की अस्थायी या तात्कालिक प्रकृति के बारे में दिया गया सार्वजनिक स्पष्टीकरण, किसी संवैधानिक प्रावधान का हिस्सा नहीं है और यह बीआर आंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान में निहित लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों के प्रति घोर उपेक्षा है।" सक्सेना ने कार्यभार संभालने के बाद विभिन्न प्रशासनिक मुद्दों के समाधान के लिए आतिशी की सराहना भी की है। सक्सेना ने आतिशी को लिखा, "अपने ढाई साल के कार्यकाल के दौरान मैंने देखा है कि मुख्यमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति ने वास्तव में मुख्यमंत्री के कर्तव्यों का पालन किया है।" उनका आशय आतिशी से था। उन्होंने कहा, "जबकि आपके पूर्ववर्ती के पास कोई विभाग नहीं था और वह फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करते थे, आपने विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी ली और विभिन्न प्रशासनिक मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया।"
सक्सेना ने आरोप लगाया कि केजरीवाल बिना किसी आधार या तथ्य के सार्वजनिक बयान दे रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि परिवहन विभाग एवं अन्य जांच एजेंसियां आतिशी की जांच करेंगी तथा उन्हें (मुख्यमंत्री को) जेल भेज देंगी। सक्सेना ने कहा कि यह न केवल झूठ है, बल्कि ऐसे बयानों से यह भी पता चलता है कि आप अपने अधीन काम करने वाले विभागों की गतिविधियों से अनभिज्ञ हैं। अपने जवाब में आतिशी ने कहा कि सक्सेना को "क्षुद्र राजनीति" छोड़कर सहयोग बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। आतिशी ने सवाल उठाया कि कोई राजनीति में इतना उलझ कैसे सकता है कि उसे लोगों की परवाह ही न रहे। उन्होंने कहा, "उपराज्यपाल का कार्यालय अब भाजपा के प्रॉक्सी के रूप में काम कर रहा है और पार्टी के हितों की रक्षा के उत्साह में आम दिल्लीवासियों के जीवन को नुकसान पहुंचा रहा है।"