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केजरीवाल का 55 सीटों का दावा: क्या दिल्ली में सचमुच होगी 'झाड़ू' की धमक?

Edited By Mahima,Updated: 04 Feb, 2025 12:55 PM

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अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 55 सीटों का दावा किया है और महिला वोटरों से समर्थन की अपील की है। उन्होंने बीजेपी पर ईवीएम के जरिए वोटों की गड़बड़ी करने का आरोप भी लगाया है। सी-वोटर के सर्वे में 43.9% लोग बदलाव चाहते हैं, जो AAP के लिए...

नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) के बारे में एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी को इस बार दिल्ली विधानसभा में 55 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर महिला वोटरों ने सक्रिय रूप से समर्थन किया, तो यह संख्या बढ़कर 60 तक जा सकती है। यह बयान तब आया है जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर और अन्य राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ रही है।

पार्टी के पक्ष में महिला वोटरों का समर्थन
केजरीवाल ने यह स्पष्ट किया कि 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 62 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार उन्हें उम्मीद है कि पार्टी को कम सीटें मिल सकती हैं। उन्होंने अपनी पार्टी के पक्ष में महिला वोटरों का समर्थन पाने की अपील की, जो उनकी राय में पार्टी की सीटों में बढ़ोतरी का कारण बन सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर महिलाएं पूरी ताकत से समर्थन देती हैं, तो आम आदमी पार्टी 60 सीटों तक जा सकती है, और अगर यही समर्थन और बढ़ता है तो शायद 65 से ज्यादा सीटें भी मिल सकती हैं।

बीजेपी के 'ईवीएम के खेल' से पार्टी को नुकसान 
अरविंद केजरीवाल ने इस बार ईवीएम पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने दिल्लीवालों से अपील की कि वे भारी मतदान करें, ताकि बीजेपी के 'ईवीएम के खेल' से पार्टी को नुकसान न हो। केजरीवाल ने यह आरोप लगाया कि बीजेपी इस बार ईवीएम के जरिए 10% तक वोटों की गड़बड़ी कर सकती है, और उन्होंने दिल्लीवालों से आग्रह किया कि आम आदमी पार्टी को इतना बड़ा वोट दें कि यह गड़बड़ी न हो सके। केजरीवाल ने यह भी कहा कि अगर उनकी पार्टी को कम सीटें मिलती हैं, तो बीजेपी विधायक तोड़ने की कोशिश कर सकती है, जैसे कि 'ऑपरेशन लोटस' की योजना के तहत वे करते आए हैं।

लोग दिल्ली की मौजूदा सरकार के कामकाज से नाराज
दिल्ली में चुनाव से पहले सी-वोटर द्वारा किए गए एक सर्वे ने भी अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए चिंता का कारण पैदा किया है। इस सर्वे के अनुसार, 43.9% लोग दिल्ली की मौजूदा सरकार के कामकाज से नाराज हैं और बदलाव चाहते हैं। हालांकि, इस सर्वे में यह भी देखा गया कि पहले के मुकाबले लोगों की नाराजगी में कमी आई है। 1 फरवरी के सर्वे ट्रैकर के अनुसार, 46.2% लोग पहले सरकार बदलने के पक्ष में थे, लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर 43.9% हो गया है। इस आंकड़े में कमी आने से आम आदमी पार्टी को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस इन नाराज वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार प्रचार कर रही हैं, जो आम आदमी पार्टी के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

बीजेपी और कांग्रेस दोनों की ओर से मजबूत चुनौती
अरविंद केजरीवाल खुद नई दिल्ली सीट से चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है। इसके अलावा, मनीष सिसोदिया जंगपुरा से और आतिशी कालकाजी से चुनाव लड़ रहे हैं। इन तीन प्रमुख सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों की ओर से मजबूत चुनौती दी जा रही है। हालांकि, केजरीवाल और उनकी पार्टी को इन सीटों पर अपनी जीत का पूरा भरोसा है। केजरीवाल ने कहा है कि इन सीटों पर पार्टी की जीत सुनिश्चित है, और बीजेपी पर विधायकों के तोड़फोड़ की कोशिशों का आरोप भी लगाया।

महिला वोटर्स का समर्थन अहम
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा, और वोटों की गिनती 8 फरवरी को की जाएगी। दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं, जिनमें से आम आदमी पार्टी ने पिछले चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 62 सीटें जीती थीं। अब 2025 के चुनाव में हालांकि उन्हें कम सीटें मिलने की संभावना है, फिर भी पार्टी अपने मजबूत समर्थन आधार के बल पर चुनावी मैदान में उतरी है। महिला वोटर्स का समर्थन इस बार अहम माना जा रहा है, क्योंकि यदि महिला वोटरों ने केजरीवाल की पार्टी को मजबूती से समर्थन दिया, तो यह दिल्ली में चुनावी परिणाम को प्रभावित कर सकता है। 

जानिए क्या है पूर्व चुनावों का इतिहास
2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने मात्र 28 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को 32 सीटें मिली थीं। हालांकि, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत हासिल की थी, और क्रमशः 67 और 62 सीटें जीती थीं। इस बार भी, केजरीवाल का कहना है कि अगर दिल्ली के लोग एकजुट होकर मतदान करें और महिलाओं का समर्थन मिले, तो उनकी पार्टी चुनावी मैदान में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।
 

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