Edited By Parminder Kaur,Updated: 17 Aug, 2024 04:44 PM
दिल्ली विद्युत बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अब कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी। दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा की है। शुक्रवार को इस सुविधा से संबंधित फाइल पर उन्होंने हस्ताक्षर कर दिए हैं और मंगलवार तक इसके बारे में आधिकारिक...
नेशनल डेस्क. दिल्ली विद्युत बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अब कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी। दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा की है। शुक्रवार को इस सुविधा से संबंधित फाइल पर उन्होंने हस्ताक्षर कर दिए हैं और मंगलवार तक इसके बारे में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इस नई व्यवस्था के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्वास्थ्य बिल के भुगतान के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
आतिशी ने बताया कि वर्ष 2002 में दिल्ली विद्युत बोर्ड को समाप्त कर दिया गया था। उस समय यह तय हुआ था कि बोर्ड के सभी कर्मचारियों को सुविधाएं दिल्ली सरकार द्वारा दी जाएंगी। हालांकि, कुछ कारणों से बोर्ड से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें समय पर पेंशन नहीं मिल रही थी। वर्ष 2015 में अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन की समस्या का समाधान कर दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि विद्युत बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कैशलेस उपचार की सुविधा नहीं मिलने के कारण उन्हें स्वास्थ्य बिल का भुगतान करने के लिए एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते थे, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऊर्जा विभाग ने निर्णय लिया है कि दिल्ली विद्युत बोर्ड के सभी 20 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाएगी। जैसे ही अधिसूचना जारी होगी, यह सुविधा तुरंत उपलब्ध हो जाएगी। वर्ष 2002 से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को यह सुविधा डीटीएल (दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड) प्रदान करेगी। इसके बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बिजली उत्पादन कंपनियों, पारेषण कंपनियों और डिस्कॉम्स (डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों) की होगी। इन कंपनियों के पैनल में शामिल अस्पतालों में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इलाज मिल सकेगा।
बता दें जुलाई 2002 में दिल्ली विद्युत बोर्ड को समाप्त कर छह अलग-अलग कंपनियां बनाई गईं। पहले दिल्ली में बिजली उत्पादन और वितरण की जिम्मेदारी दिल्ली विद्युत बोर्ड के पास थी। बिजी उत्पादन के लिए दो कंपनी इंद्रप्रस्थ पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (आइपीजीसीएल) और प्रगति पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीपीजीसीएल) बनाई गई। बिजली पारेषण के लिए दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड नाम (TPDDL) से कंपनी बनाई गई। आइपीजीसीएल (IGPCCL), पीपीजीसीएल (PPGCL) और डीटीएल दिल्ली सरकार की है। बिजली वितरण की जिम्मेदारी बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल), बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के पास है। इन तीनों बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) में सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।