धान की पराली को लेकर केजरीवाल सरकार ने लिया बड़ा फैसला, किसानों को मिली राहत

Edited By Utsav Singh,Updated: 11 Sep, 2024 07:42 PM

kejriwal government took a big decision regarding paddy stubble

केजरीवाल सरकार इस साल भी धान की पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डी-कंपोजर का निःशुल्क छिड़काव करेगी। इसके छिड़काव से किसानों को पराली नहीं जलानी पड़ेगी, जिससे वायु प्रदूषण भी नहीं होगा और खेतों की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ेगी। इस संबंध में विकास मंत्री...

नेशनल डेस्क : केजरीवाल सरकार इस साल भी धान की पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डी-कंपोजर का निःशुल्क छिड़काव करेगी। इसके छिड़काव से किसानों को पराली नहीं जलानी पड़ेगी, जिससे वायु प्रदूषण भी नहीं होगा और खेतों की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ेगी। इस संबंध में विकास मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कृषि विभाग और पूसा कृषि अनुसंधान संस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक की। गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में खेतों में पैदा किए जा रहे बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में सरकार मुफ्त में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा। इसके छिड़काव के लिए अभी तक 841 किसानों ने फॉर्म भर दिया है। सरकार इस साल 5 हजार एकड़ से ज्यादा खेतों में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करने का लक्ष्य रखा है। 

समाधान के लिए सरकार बैठक कर रही 
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर सर्दियों के मौसम में होने वाली प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए सरकार लगातार अलग-अलग विभागों के साथ बैठक कर अपना विंटर एक्शन प्लान बनाने की तरफ बढ़ रही है। सभी विभागों को विंटर एक्शन प्लान को लेकर 21 फोकस बिंदुओं पर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसके तहत पर्यावरण विभाग विंटर एक्शन प्लान की संयुक्त कार्य योजना तैयार कर रही है। इस वर्ष के 21 फोकस बिंदुओं में शामिल पराली जलाना भी सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की समस्या को बढ़ाने में एक एहम भूमिका निभाता है। ऐसे में इस समस्या पर समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें, इसलिए हमारी सरकार ने पिछले साल की तरह इस बार भी पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डी-कंपोजर का निःशुल्क छिड़काव करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

निःशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार द्वारा इस साल पराली गलाने के लिए 5000 एकड़ से ज्यादा खेतों में निःशुल्क बायो डी-कंपोजर का छिड़काव कराया जाएगा। अभी किसानों से फॉर्म भरवाया जा रहा है। अगर जरूरत हुई तो और भी खेतों में इसका छिड़काव कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूसा संस्थान बायो डी-कंपोजर दिल्ली सरकार को मुहैया करा रही है। 

सरकार छिड़काव की तैयारियों में जुट गई है
उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर कुछ हिस्सों में ही धान की खेती की जाती है। दिल्ली में पराली से प्रदूषण न हो। इसके लिए सरकार ने पिछले साल बायो डी-कंपोजर का निःशुल्क छिड़काव कराया था और इसका बहुत ही सकारात्मक परिणाम रहा है। इसके छिड़काव से खेतों में पराली गल गई और खेतों की उपजाऊ क्षमता में भी बढ़ोतरी देखी गई। किसानों के सामने एक समस्या यह भी रहती है कि धान की फसल की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच में समय अंतराल कम होता है। इसलिए सरकार समय रहते अभी से इसके छिड़काव की तैयारियों में जुट गई है, ताकि सारी कवायद में देरी भी न हो और किसानों को बेहतर परिणाम भी मिल सकें। 

सरकार ने किसानों से जल्द फॉर्म भरवने को कहा है
गोपाल राय ने बताया कि बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर कृषि विभाग को किसानों से जल्द फॉर्म भरवाने के निर्देश दिए गए है। इस फार्म में किसान का डिटेल, कितने एकड़ खेत में छिड़काव करवाना चाहते हैं और फसल कटने का समय आदि का रिकॉर्ड शामिल किया जा रहा है। किसान छिड़काव की तारीख भी फार्म में दर्ज करेंगे, ताकि उसी हिसाब से उनके खेत में छिड़काव का इंतजाम किया जा सकें। अभी तक 841 किसानों ने फॉर्म भरा है। साथ ही दिल्ली के अंदर किसानो के बीच बायो डी-कंपोजर के छिड़काव को लेकर टीम द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। बायो डी-कंपोजर का छिड़काव सितंबर के अंतिम सप्ताह से शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं।

 

 

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