Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 10 Feb, 2025 11:52 AM
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को मिली हार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सभी विधायकों को दिल्ली तलब किया है। पार्टी की स्थिति को लेकर यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि दिल्ली चुनाव में...
नेशनल डेस्क: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को मिली हार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सभी विधायकों को दिल्ली तलब किया है। पार्टी की स्थिति को लेकर यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि दिल्ली चुनाव में मिली हार ने केजरीवाल की योजनाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब उनकी पूरी कोशिश पंजाब में पार्टी के विधायकों को एकजुट रखने की है। आइए जानते हैं कि केजरीवाल ने ये कदम क्यों उठाया और बैठक में क्या चर्चा हो सकती है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिलीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की। इस हार ने केजरीवाल के लिए एक बड़ा झटका दिया है। खुद केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह भी हार गए। आम आदमी पार्टी को दिल्ली चुनाव में मिली हार ने पार्टी के भीतर एक नई चिंता की लकीर खींच दी है।
क्यों तलब किए गए पंजाब के विधायक?
दिल्ली चुनाव में मिली हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों को दिल्ली बुलाया है। इसके पीछे की वजह कुछ खास है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी हुई है और यहां के मुख्यमंत्री भगवंत मान हैं। हालांकि, पंजाब में पार्टी की स्थिति मजबूत दिख रही है, लेकिन केजरीवाल को डर है कि पार्टी के कुछ विधायक कहीं दूसरी पार्टी में न जा सकें। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को हराया था, जिससे पार्टी का मनोबल ऊंचा है। लेकिन केजरीवाल का यह डर सता रहा है कि हार के बाद पंजाब में विधायकों का समर्थन कमजोर हो सकता है।
बैठक का उद्देश्य और रणनीति
यह बैठक 11 फरवरी को दिल्ली के कपूरथला हाउस में होगी। बैठक में पंजाब के सभी आम आदमी पार्टी के विधायक शामिल होंगे। उन्हें यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने सभी प्रस्तावित कार्यक्रमों को रद्द करें और इस महत्वपूर्ण बैठक में भाग लें। इस बैठक में केजरीवाल पंजाब के विधायकों से सीधा संवाद करेंगे और उन्हें पार्टी में बने रहने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके अलावा, पार्टी की आगामी रणनीतियों पर भी चर्चा हो सकती है, ताकि पंजाब में आम आदमी पार्टी का शासन मजबूत बना रहे और पार्टी में कोई टूट-फूट न हो।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की हार के बाद अब केजरीवाल का पूरा फोकस पंजाब पर है। क्योंकि पार्टी की इकलौती सरकार अभी पंजाब में ही बची हुई है। यदि पंजाब में पार्टी के विधायकों का समर्थन नहीं मिलता, तो आम आदमी पार्टी की स्थिति और कमजोर हो सकती है। इसके अलावा, अगर पंजाब में पार्टी को कोई संकट आता है, तो इससे केजरीवाल की राजनीतिक छवि को भी नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि वह पंजाब के विधायकों को दिल्ली बुला रहे हैं और उनकी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।