केजरीवाल का मोदी सरकार पर निशाना, बोले- भाजपा कृषि कानूनों को वापस लाना चाहती है

Edited By Parveen Kumar,Updated: 25 Sep, 2024 11:11 PM

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आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को भाजपा सांसद कंगना रनौत के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने संबंधी बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा।

नेशनल डेस्क : आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को भाजपा सांसद कंगना रनौत के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने संबंधी बयान को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा इन कानूनों को वापस लाना चाहती है। वह भिवानी में पार्टी उम्मीदवार इंदु शर्मा के लिए प्रचार करते हुए एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होगा और मतगणना आठ अक्टूबर को होगी।

केजरीवाल ने कहा कि दो साल पहले हुए देश के ‘‘सबसे बड़े किसान आंदोलन'' के दौरान 750 किसानों की मौत हो गई थी और नरेन्द्र मोदी सरकार को कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन भाजपा ने फिर से उन कृषि कानूनों को वापस लाने की योजना बनाई है। भाजपा की वरिष्ठ नेता कंगना रनौत ने बयान दिया है कि तीन कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए।'' हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मंगलवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रनौत ने कहा था कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध केवल कुछ राज्यों में ही हुआ था।

उन्होंने कहा था, ‘‘किसान भारत की प्रगति के शक्तिस्तंभ हैं। केवल कुछ राज्यों में ही उन्होंने कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई थी। मैं हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि किसानों के हित में कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए।'' लेकिन अपनी ही पार्टी से आलोचना और निंदा का सामना करने के बाद मंडी से भाजपा सांसद ने बुधवार को अपना बयान वापस ले लिया और खेद व्यक्त किया। रनौत ने कहा कि ये उनके ‘निजी' विचार हैं और पार्टी के रूख को प्रदर्शित नहीं करते हैं।

किसानों के विरोध के बाद तीन कृषि कानून - कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम; तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम - को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया था। किसानों का विरोध नवंबर 2020 के अंत में शुरू हुआ था और संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ। ये कानून जून 2020 में लागू हुए थे और नवंबर 2020 में निरस्त कर दिए गए।

केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा ने उन्हें पांच महीने तक जेल में रखा लेकिन उन्हें तोड़ नहीं सकी। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने जेल में मुझे तोड़ने की बहुत कोशिश की लेकिन वे नहीं जानते थे कि मैं हरियाणा का बेटा हूं। मेरी रगों में हरियाणा का खून दौड़ रहा है। वे किसी को भी तोड़ सकते हैं लेकिन हरियाणा के व्यक्ति को नहीं तोड़ सकते।'' उन्होंने कहा कि उन्हें इसलिए सलाखों के पीछे डाला गया क्योंकि वह दिल्ली के लोगों के कल्याण के लिए काम कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा एकमात्र दोष यह था कि मैं 10 साल से ईमानदारी से दिल्ली के लोगों की सेवा कर रहा था। मैंने दिल्ली में ऐसे काम किए जो 75 साल में पूरे देश में किसी नेता या पार्टी ने नहीं किए।'' केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली और पंजाब में ‘आप' सरकार ही है जो 24 घंटे मुफ्त बिजली उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा) कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल चोर हैं। बाईस राज्यों में उनकी सरकार है, जहां बिजली महंगी है। जनता को बताना चाहिए कि चोर कौन है - मुफ्त बिजली देने वाला या महंगी बिजली देने वाला!''

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