Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Oct, 2022 01:35 PM
केरल के श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर की झील में बीते कई दशकों से रह रहा, एकमात्र मगरमच्छ की रविवार को मौत हो गई। दावा किया जाता है कि यह मगरमच्छ शाकाहारी था।
नेशनल डेस्क: केरल के श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर की झील में बीते कई दशकों से रह रहा, एकमात्र मगरमच्छ की रविवार को मौत हो गई। दावा किया जाता है कि यह मगरमच्छ शाकाहारी था। मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि मंदिर की झील में 70 साल से रह रहे इस मगरमच्छ को ‘बबिया' नाम से पुकारा जाता था। वह शनिवार से लापता था।
अधिकारियों ने कहा कि रविवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे मृत मगरमच्छ झील में तैरता पाया गया। उसे बाहर निकाल कर शीशे के बक्से में रखा गया और लोगों ने उसका दर्शन किया। आम लोगों के साथ विभिन्न राजनेताओं ने भी उसका अंतिम दर्शन किया और उसे श्रद्धांजलि दी। मगरमच्छ कासरगोड जिले के कुंबला में श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर का हिस्सा रहा है, इसलिए बबिया को एक हिंदू ‘संन्यासी’ के अंतिम संस्कार रूप में परिकल्पित किया गया और उसकी सभी प्रार्थनाओं के साथ एक औपचारिक अंत्येष्टि की गई।
भाजपा नेता ने भी दी श्रद्धांजलि
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने भी एक पोस्ट कर मगरमच्छ ‘बबिया’ को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, ''बबिया चला गया। दशकों तक, वह कुंबला अनंतपुरम महाविष्णु मंदिर में लगातार मौजूद रहा। लाखों श्रद्धालुओं ने इसे भगवान की छवि मानकर इसके दर्शन किए। प्रणाम।'' केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने भी मगरमच्छ ‘बबिया’ को श्रद्धांजलि दी है।
70 साल से सिर्फ खा रहा था ‘प्रसादम'
मंदिर के अधिकारियों का दावा है कि मगरमच्छ शाकाहारी था और मंदिर में बने ‘प्रसादम' पर ही निर्भर था। 'बबिया श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी को चढ़ाए जाने वाले चावल और गुड़ से बने प्रसाद खाकर मंदिर की झील में 70 साल से अधिक समय तक रहा और मंदिर की रक्षा की।