Edited By Parminder Kaur,Updated: 20 Jan, 2025 05:10 PM
केरल की एक अदालत ने सोमवार को एक महिला को 2022 में अपने प्रेमी की हत्या करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई। नेय्याट्टिनकरा अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने इस मामले के तीसरे आरोपी महिला के रिश्तेदार निर्मलकुमारन नायर को भी तीन साल की सजा सुनाई।
नेशनल डेस्क. केरल की एक अदालत ने सोमवार को एक महिला को 2022 में अपने प्रेमी की हत्या करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई। नेय्याट्टिनकरा अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने इस मामले के तीसरे आरोपी महिला के रिश्तेदार निर्मल कुमारन नायर को भी तीन साल की सजा सुनाई।
महिला आरोपी ग्रीष्मा (24) ने सजा में नरमी की अपील करते हुए अपनी शैक्षिक उपलब्धियों पूर्व आपराधिक इतिहास न होने और अपने माता-पिता की इकलौती बेटी होने का हवाला दिया। हालांकि, अदालत ने ग्रीष्मा की उम्र और अन्य कारणों पर विचार करते हुए उसे सजा में कोई छूट नहीं दी। अदालत ने अपने 586 पृष्ठ के फैसले में कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोषी की उम्र पर विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
ग्रीष्मा को शेरोन राज की हत्या का दोषी पाया गया, जो तिरुवनंतपुरम जिले के परसाला के रहने वाले थे। अभियोजक के अनुसार, अदालत ने यह भी पाया कि ग्रीष्मा ने हत्या की योजना को चरणबद्ध तरीके से तैयार किया था। उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि भी थी और इससे पहले उसने शेरोन की हत्या का प्रयास किया था। गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच को भटकाने के लिए उसने आत्महत्या की कोशिश की थी।
फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए पीड़ित की मां प्रिया ने कहा कि वह अदालत का धन्यवाद करती हैं कि इस आदेश के जरिए न्याय मिला। विशेष लोक अभियोजक वी. एस. विनीत कुमार ने कहा कि अदालत का निर्णय पूरी तरह से न्यायोचित है और इस मामले को 'बहुत दुर्लभतम श्रेणी' में रखा गया है। अदालत ने कहा कि दोषी शातिर अपराधी है, जिसने बड़ी सावधानी से इस क्रूर हत्या की साजिश रची थी।''
अदालत ने ग्रीष्मा के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। इसके अलावा अदालत ने यह भी माना कि 22 अगस्त 2022 को ग्रीष्मा ने पैरासिटामोल की गोलियां फलों के रस में मिलाकर शेरोन को जहर देने की कोशिश की थी, लेकिन शेरोन ने फलों के रस का कड़वा स्वाद महसूस कर इसे पीने से इंकार कर दिया, जिससे यह प्रयास विफल हो गया।
इस फैसले का स्वागत करते हुए जांच की निगरानी करने वाली तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डी. शिल्पा ने इसे पुलिस टीम की संयुक्त मेहनत की जीत बताया। उन्होंने कहा- हमने जांच के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों से मामले को सुलझाने में सफलता मिली।