Edited By Yaspal,Updated: 17 Jul, 2024 07:08 AM
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की राज्यकारिणी की बैठक के बाद दिल्ली से लखनऊ तक सियासी हलचल तेज हो गई है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बैठक के दो दिन बाद दिल्ली पहुंच चुके हैं। वो दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे
नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश में बीजेपी की राज्यकारिणी की बैठक के बाद दिल्ली से लखनऊ तक सियासी हलचल तेज हो गई है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बैठक के दो दिन बाद दिल्ली पहुंच चुके हैं। वो दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी दिल्ली में मौजूद हैं। सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बदले जाने की चर्चा तेज हो गई है।
सरकार से बड़ा होता है संगठन
दरअसल, 14 जुलाई को उत्तर प्रदेश में बीजेपी की राज्यकारिणी की बैठक हुई थी। इस बैठक में लोकसभा चुनाव में हुई हार के कारणों पर चर्चा हुई। लखनऊ में आयोजित बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही 2024 के चुनाव परिणाम हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे लेकिन, 2027 में बीजेपी फिर से अपने सामर्थ्य को जोड़कर विपक्षी दलों को पराजित करेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता हमेशा सबसे ऊपर हैं। वो सरकार से भी बड़े हैं। बड़े थे और बड़े ही रहेंगे।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, संगठन सरकार से बड़ा होता है, संगठन से बड़ा कोई नहीं होता है। संगठन सरकार से बड़ा है। बड़ा था और बड़ा ही रहेगा। बीजेपी का कार्यकर्ता होने के नाते यहां जितने भी साथी लोग बैठे हैं। मैं उनसे यही कहूंगा कि हमारा हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है। उन्होंने कहा कि मैं उपमुख्यमंत्री बाद में हूं, पहले कार्यकर्ता हूं। जो भी किसी जिम्मेदारी पर बैठे चाहे वो डिप्टी सीएम के नाते या मंत्री के नाते, विधायक या सांसद के नाते सभी पहले कार्यकर्ताओं का मान सम्मान करें।
बैकफुट पर ना आएं कार्यकर्ता- योगी
हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि कार्यकर्ताओं को किसी भी स्थिति में 'बैकफुट' पर आने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आपने अपना काम बखूबी किया है। उन्होंने हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित सफलता न मिलने की वजहों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ''जब हम आत्मविश्वास में होते है कि हम तो जीत ही रहे हैं तो स्वाभाविक रूप से कहीं न कहीं हमें खामियाजा भुगतना ही पड़ता है।'' प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में भाजपा को इस बार सिर्फ 33 सीट पर जीत मिली जबकि विपक्षी समाजवादी पार्टी ने 37 और उसकी सहयोगी कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की।
योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं। दोनों नेताओं के बीच तल्ख रिश्तों की खबरें सामने आती रहती हैं। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के अंदर की बगावत खुलकर सामने आ गई है। हाल में कई बीजेपी नेताओं ने योगी आदित्यनाथ की सरकार पर ही सवाल खड़े किए हैं।