UP में बढ़ी सियासी हलचल, दिल्ली में जेपी नड्डा से मिले केशव प्रसाद मौर्य

Edited By Yaspal,Updated: 17 Jul, 2024 07:07 AM

keshav prasad maurya met jp nadda in delhi know what was discussed

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। सूत्रों के मुताबिक, केशव प्रसाद मौर्य को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है

नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। सूत्रों के मुताबिक, केशव प्रसाद मौर्य को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। माना ये भी जा रहा है कि उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से हटाकर दिल्ली में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। सूत्रों की मानें तो केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की रेस में भी हैं। इसके अलावा केशव प्रसाद मौर्य और नड्डा के बीच उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनीति को लेकर चर्चा हुई है। इससे पहले डिप्टी सीएम केशव मौर्य मंगलवार को दिल्ली पहुंचे। इसके अलावा भूपेंद्र चौधरी भी दिल्ली में मौजूद हैं और माना जा रहा है कि जल्द ही वह जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे।

केशव मौर्य और नड्डा की मुलाकात ऐसे समय हुई है। जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाने की चर्चा है। हाल ही में हुई बैठक में केशव मौर्य और योगी आदित्यनाथ के बीच की कलह खुलकर सामने आ गई थी। वहीं, योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं। इसके अलावा, वह बीजेपी नेताओं से मिलकर हार की समीक्षा कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में इस बार उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। बीजेपी को यूपी में 80 में से सिर्फ 33 सीटों पर ही जीत मिली है।

सरकार से बड़ा होता है संगठन
दरअसल, 14 जुलाई को उत्तर प्रदेश में बीजेपी की राज्यकारिणी की बैठक हुई थी। इस बैठक में लोकसभा चुनाव में हुई हार के कारणों पर चर्चा हुई। लखनऊ में आयोजित बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही 2024 के चुनाव परिणाम हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे लेकिन, 2027 में बीजेपी फिर से अपने सामर्थ्य को जोड़कर विपक्षी दलों को पराजित करेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ता हमेशा सबसे ऊपर हैं। वो सरकार से भी बड़े हैं। बड़े थे और बड़े ही रहेंगे।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, संगठन सरकार से बड़ा होता है, संगठन से बड़ा कोई नहीं होता है। संगठन सरकार से बड़ा है। बड़ा था और बड़ा ही रहेगा। बीजेपी का कार्यकर्ता होने के नाते यहां जितने भी साथी लोग बैठे हैं। मैं उनसे यही कहूंगा कि हमारा हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है। उन्होंने कहा कि मैं उपमुख्यमंत्री बाद में हूं, पहले कार्यकर्ता हूं। जो भी किसी जिम्मेदारी पर बैठे चाहे वो डिप्टी सीएम के नाते या मंत्री के नाते, विधायक या सांसद के नाते सभी पहले कार्यकर्ताओं का मान सम्मान करें।

बैकफुट पर ना आएं कार्यकर्ता- योगी
हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि कार्यकर्ताओं को किसी भी स्थिति में 'बैकफुट' पर आने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि आपने अपना काम बखूबी किया है। उन्होंने हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित सफलता न मिलने की वजहों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ''जब हम आत्‍मविश्‍वास में होते है कि हम तो जीत ही रहे हैं तो स्वाभाविक रूप से कहीं न कहीं हमें खामियाजा भुगतना ही पड़ता है।'' प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में भाजपा को इस बार सिर्फ 33 सीट पर जीत मिली जबकि विपक्षी समाजवादी पार्टी ने 37 और उसकी सहयोगी कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की।

योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं। दोनों नेताओं के बीच तल्ख रिश्तों की खबरें सामने आती रहती हैं। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के अंदर की बगावत खुलकर सामने आ गई है। हाल में कई बीजेपी नेताओं ने योगी आदित्यनाथ की सरकार पर ही सवाल खड़े किए हैं।

37 साल बाद यूपी में रिपीट हुई सरकार
बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने 2022 में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। योगी आदित्यनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया। यह एक ऐसा मौका था जब करीब 37 साल बाद किसी पार्टी की दूसरी बार सरकार बनीं थी। केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम बनाया गया। 

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