Edited By Tanuja,Updated: 28 Oct, 2024 11:15 AM
भारत के कनाडा में recalled उच्चायुक्त संजय वर्मा ने हाल ही में एक खतरनाक घटना के बारे में जानकारी दी। कनाडा से वापस बुलाए गए भारतीय राजदूत वर्मा ने बताया कि...
International Desk: भारत के कनाडा में recalled उच्चायुक्त संजय वर्मा ने हाल ही में एक खतरनाक घटना के बारे में जानकारी दी। कनाडा से वापस बुलाए गए भारतीय राजदूत वर्मा ने बताया कि कनाडा में उन पर खालिस्तान समर्थक ने तलवार से हमला किया था, जो उनसे सिर्फ दो इंच दूर थी । यह घटना तब हुई जब वे अपनी पत्नी के साथ एक डिनर पार्टी में भाग ले रहे थे, जिसे भारतीय समुदाय द्वारा आयोजित किया गया था। संजय वर्मा ने बताया कि जब वह अपने कार्यक्रम के लिए पहुंचे, तो खालिस्तानी समर्थकों ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने कहा, "मैं जब अल्बर्टा के एक शहर में था, तो ये गुंडे मेरे चारों ओर आ गए और मुझे घेर लिया।" उन्होंने बताया कि उन लोगों ने एक धारदार तलवार का इस्तेमाल किया, जो कि एक संभावित हमले के रूप में बड़ा खतरा बन गया। वर्मा ने कहा, "यह एक किरपान नहीं बल्कि एक असली हथियार था।"
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उन्होंने बताया इस दौरान तलवार मेरे शरीर के करीब 2-2.5 इंच तक आ गई थी। इस प्रकार की स्थिति में होना बहुत अलार्मिंग था।" यह हमले का अनुभव उस समय हुआ जब वह अपने समुदाय से जुड़ने और व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए वहां मौजूद थे। संजय वर्मा ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के हिंसक व्यवहार से भारतीय समुदाय को खतरा हो सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि कनाडा में खालिस्तानी समर्थक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं, जो कि भारत- कनेडियन संबंधों के लिए चिंताजनक है। संजय वर्मा ने यह भी कहा कि इस स्थिति में उन्हें अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा और अपने साथियों की सुरक्षा के बारे में सोचने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ऐसे हमले किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं हैं और इसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए।
यह घटना हाल में दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है, खासकर जब से कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर भारत ने चिंता जताई है। भारत और कनाडा के बीच व्यापारिक और सामरिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए, ऐसी घटनाएँ दोनों देशों के लिए मुश्किल बना सकती हैं। संजय वर्मा का यह अनुभव कनाडा में भारतीय राजनयिकों और समुदायों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है, और इसे देखते हुए दोनों देशों को इस मुद्दे पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता हो सकती है।