खरगे की मां और बहन की रजाकार हमले में हो गई थी मौत, लेकिन वह मुस्लिम वोटबैंक के लिए चुप हैं: CM योगी

Edited By Pardeep,Updated: 12 Nov, 2024 10:34 PM

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रजाकारों के हमले में अपनी मां और बहन की हुई दुखद मौत पर जानबूझकर चुप्पी साध रखी है, क्योंकि उन्हें मुस्लिम वोट खोने का डर है।

अमरावतीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रजाकारों के हमले में अपनी मां और बहन की हुई दुखद मौत पर जानबूझकर चुप्पी साध रखी है, क्योंकि उन्हें मुस्लिम वोट खोने का डर है। अभी कुछ ही दिन पहले खरगे ने भगवा परिधान एवं ‘बंटेंगे तो कटेंगे' नारे को लेकर योगी आदित्यनाथ की आलोचना की थी। 

योगी आदित्यनाथ ने आज अमरावती में एक चुनावी रैली में खरगे पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता खरगे पर राजनीतिक स्वार्थ के लिए अपनी दुखद व्यक्तिगत यादों को दबा देने का आरोप लगाया। योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि कांग्रेस वोटबैंक की राजनीति की खातिर ऐतिहासिक अत्याचारों को नजरअंदाज करती है। उन्होंने कहा कि खरगे ने व्यक्तिगत क्षति उठाने के बाद भी हैदराबाद के निजाम के शासन में रजाकारों के इतिहास को आसानी से भुला दिया। 

उन्होंने दावा किया, ‘‘(मल्लिकार्जुन) खरगे के गांव में रजाकारों ने आग लगा दी थी तथा उनकी मां, बहन और एक रिश्तेदार उस हमले में मारी गयी थीं।'' योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि खरगे इस तथ्य को दबा रहे हैं क्येांकि उन्हें डर है कि यदि उन्होंने निजाम की सेना द्वारा किये गये अत्याचारों के बारे में बोला तो वह मुस्लिम वोट गंवा बैठेंगे। 

उन्होंने कहा , ‘‘कांग्रेस इतिहास को नकारने की कोशिश कर रही है और खरगे ने वोट बैंक की राजनीति के लिए अपने परिवार के साथ जो कुछ हुआ था उसे आसानी से भुला दिया है।'' रजाकार एक अर्धसैनिक बल था जो हैदराबाद की पूर्ववर्ती रियासत में सेवारत था। उसका प्राथमिक उद्देश्य हैदराबाद के मुस्लिम निजामों के शासन को बनाये रखना और हैदराबाद को भारत में विलय होने से रोकना था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के ऐतिहासिक नेतृत्व ने 1946 में इंडियन मुस्लिम लीग से समझौता कर लिया, फलस्वरूप भारत का विभाजन हुआ एवं हिंदू मारे गये। 

उन्होंने कहा, ‘‘स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जब निजाम को अहसास हुआ कि वह स्वंतत्र नहीं रह सकता है तो वह हिंदुओं को मरवाने लगा।'' उन्होंने दावा किया कि बी आर आंबेडकर ने हिंदुओं और अनुसूचित जातियों को अपनी सुरक्षा के लिए (निजाम शासित क्षेत्र से) महाराष्ट्र चले आने की सलाह दी थी। योगी आदित्यनाथ ने देश के अंदर विभाजन के विरूद्ध भी आगाह किया। उन्होंने ‘महाराष्ट्र में लव जिहाद और भूमि जिहाद के उदय' का दावा करते हुए एवं पिछली कांग्रेस सरकारों पर इसका ठीकरा फोड़ते हुए कहा, ‘‘अगर आप बंटे हुए रहेंगे, तो आपकी बेटियां असुरक्षित हो जाएंगी, मंदिरों पर हमला होगा और समुदायों को निशाना बनाया जाएगा। यह वह हकीकत है कि जब आप एकजुट नहीं होते हैं तो यही होता है।'' 

खरगे ने एक चुनावी सभा में आदित्यनाथ पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कहा था, ‘‘कई नेता साधुओं के भेष में रहते हैं और अब वे नेता बन गये हैं।'' खरगे ने कहा था, ‘‘ एक तरफ आप गेरुआ वस्त्र पहनते हैं और दूसरी तरफ कहते हैं कि बटेंगे तो कटेंगे। मैं भाजपा से कहूंगा कि या तो सफेद वस्त्र पहनें या फिर यदि आप संन्यासी हैं तो गेरुआ वस्त्र पहनें, लेकिन तब राजनीति से बाहर हो जाएं।''

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