विरोध के कारण Lateral Entry पर पीछे हटी सरकार, खरगे बोले- आरक्षण खत्म करने की फिराक में है भाजपा

Edited By rajesh kumar,Updated: 20 Aug, 2024 05:50 PM

kharge said bjp is trying to end reservation

कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने मंगलवार को दावा किया कि विपक्ष के विरोध के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ‘लेटरल एंट्री' के मामले पर पीछे हटी और उसने संबंधित विज्ञापन वापस लेने का फैसला किया।

 

नेशनल डेस्क: कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने मंगलवार को दावा किया कि विपक्ष के विरोध के कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ‘लेटरल एंट्री' के मामले पर पीछे हटी और उसने संबंधित विज्ञापन वापस लेने का फैसला किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण खत्म करने की फिराक में है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखकर विज्ञापन रद्द करने को कहा “ताकि कमजोर वर्गों को सरकारी सेवाओं में उनका उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।”

कांग्रेस ने भाजपा के मंसूबों पर पानी फेरा- खरगे 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘संविधान जयते। हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने आरक्षण छीनने के भाजपा के मंसूबों पर पानी फेरा है। लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताकत ही हरा सकती है।'' उन्होंने दावा किया, ‘‘राहुल गांधी, कांग्रेस और ‘इंडिया' गठबंधन के घटक दलों की मुहिम से सरकार एक कदम पीछे हटी है, पर जब तक भाजपा-आरएसएस सत्ता में है, वो आरक्षण छीनने के नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी। हम सबको सावधान रहना होगा।''

लेटरल एंट्री जैसी साजिशों का करेंगे पर्दाफाश- राहुल गांधी 
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हर कीमत पर रक्षा करेंगे तथा भाजपा की ‘लेटरल एंट्री' जैसी ‘‘साजिशों'' को हर हाल में नाकाम करके दिखाएंगे। राहुल गांधी ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे। भाजपा की ‘लेटरल एंट्री' जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर कह रहा हूं - 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे। जय हिन्द।''

भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे- अखिलेश 
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यूपीएससी में लेटरल एंट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साजिश आखिरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गयी है। सरकार को अब अपना यह फैसला भी वापस लेना पड़ा है।'' उन्होंने कहा कि भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये पीडीए में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है। 

क्या है लेटरल एंट्री?
‘लेटरल एंट्री' सीधी भर्ती की प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की केंद्र सरकार के मंत्रालयों एवं विभागों में कुछ निश्चित समय के लिए नियुक्ति की जाती है। ये भर्तियां सामान्यत: संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर की जाती हैं। केंद्र सरकार ने ‘लेटरल एंट्री' के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने की घोषणा की थी। आमतौर पर ऐसे पदों पर अखिल भारतीय सेवाओं-भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) और अन्य ‘ग्रुप ए' सेवाओं के अधिकारी तैनात किए जाते हैं।

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