Edited By Rohini Oberoi,Updated: 22 Jan, 2025 03:05 PM
नई दिल्ली में हुए पहले खो-खो विश्व कप का उद्घाटन भारतीय टीमों की जीत के साथ हुआ। इस टूर्नामेंट ने न सिर्फ भारतीय दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसे काफी सराहा गया। प्रतियोगिता ने कई देशों को भारत की सांस्कृतिक धरोहर और खेल के...
नेशनल डेस्क। नई दिल्ली में हुए पहले खो-खो विश्व कप का उद्घाटन भारतीय टीमों की जीत के साथ हुआ। इस टूर्नामेंट ने न सिर्फ भारतीय दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसे काफी सराहा गया। प्रतियोगिता ने कई देशों को भारत की सांस्कृतिक धरोहर और खेल के प्रति उत्साह से परिचित कराया।
सांस्कृतिक समागम के साथ हुआ उद्घाटन
इस टूर्नामेंट की शुरुआत एक भव्य सांस्कृतिक उत्सव से हुई जिसमें छह महाद्वीपों से आए 23 देशों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। उद्घाटन समारोह में भारतीय संगीत और नृत्य का समागम था जिससे दर्शकों का उत्साह दोगुना हो गया। भारत में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट ने खेल के रोमांचक माहौल को और भी दिलचस्प बना दिया।
विदेशी खिलाड़ियों ने किया भारतीय आतिथ्य की तारीफ
ईरान के खिलाड़ी आमिर घियासी ने भारतीय आतिथ्य की तारीफ करते हुए कहा, "भारत में हमारा अनुभव बहुत अच्छा रहा। यहां का माहौल और सेवाएं शानदार थीं। हमें हर चीज़ मुहैया कराई गई और हम भारतीय संस्कृति के बारे में भी जानने का मौका मिला।"
न्यूजीलैंड की महिला टीम की सदस्य अमनदीप कौर ने भी टूर्नामेंट के अनुभव को शानदार बताया। उन्होंने कहा, "हमने इस टूर्नामेंट का पूरा आनंद लिया लेकिन प्रतियोगिता की कठिनाई ने हमें अगले स्तर की तैयारी के लिए उत्साहित कर दिया।"
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आयोजकों की ओर से बेहतरीन व्यवस्था
भारतीय खो-खो महासंघ (केकेएफआई) और अंतर्राष्ट्रीय खो-खो महासंघ (आईकेकेएफ) के अध्यक्षों के नेतृत्व में टूर्नामेंट का आयोजन हुआ जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि विदेशी खिलाड़ियों को सभी आवश्यक सुविधाएं दी जाएं। इन सुविधाओं की विदेशी टीमों ने भी तारीफ की। अमनदीप कौर ने कहा, "भारत में हर चीज़ तुरंत उपलब्ध कराई जाती थी। यहां का माहौल और मेज़बानी शानदार थी।"
भारत की संस्कृति और स्ट्रीट फूड का आनंद
खिलाड़ियों को भारत के सांस्कृतिक धरोहर का भी अनुभव मिला। उन्हें आगरा के ताजमहल को देखने का मौका मिला और भारतीय स्ट्रीट फूड का स्वाद भी चखा। पेरू की महिला टीम की कोच सिल्वाना पेट्रीसिया ने कहा, "भारत में हर चीज़ अद्भुत थी। यहां के डांस, संगीत और खाने का अनुभव शानदार रहा। यह विश्व कप हमारे लिए अविस्मरणीय रहेगा।"
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खिलाड़ियों ने सीखा भारतीय डांस और संस्कृति
ब्राजील के पुरुष टीम की मुख्य कोच लॉरा डोअरिंग ने भी भारत की सांस्कृतिक विविधता को सराहा और कहा, "यहां की मेज़बानी और संस्कृति बहुत अलग है। मैं बहुत खुश हूं कि मैं यहां आई और भारतीय डांस मूव्स सीखने का प्रयास करूंगी।"
बता दें कि इस टूर्नामेंट ने न सिर्फ खो-खो खेल को बढ़ावा दिया बल्कि भारत के महान आतिथ्य और सांस्कृतिक विविधता को भी दुनिया भर में प्रदर्शित किया। अब यह टूर्नामेंट भविष्य में और भी बड़े आयोजन का हिस्सा बन सकता है।