'वक्फ बोर्ड पर माफिया का कब्जा', Kiren Ririju ने विपक्ष के सवालों का दिया जवाब

Edited By Yaspal,Updated: 08 Aug, 2024 03:52 PM

kiren ririju answered the opposition s questions

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ(संशोधन) विधेयक 2024 पेश करते हुए कहा कि इसको लेकर विपक्ष के सदस्य जो विरोध कर रहे हैं वह राजनीतिक दबाव में हो रहा है लेकिन सच यह है कि यह विधेयक सबके हित में है

नई दिल्लीः अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ(संशोधन) विधेयक 2024 पेश करते हुए कहा कि इसको लेकर विपक्ष के सदस्य जो विरोध कर रहे हैं वह राजनीतिक दबाव में हो रहा है लेकिन सच यह है कि यह विधेयक सबके हित में है और इससे वक्फ संपत्ति में गरीब मुसलमानों का हित साधा जा सकेगा। विधेयक में किए प्रावधान से संविधान के किसी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है और इसमें किसी का हक नहीं छीना जा रहा है। इसमें जिनको हक नहीं दिया गया है उन्हें हक दिया गया है।

विधेयक में वक्फ बोर्ड के लिए महिलाओं की सदस्यता को अनिवार्य किया गया है और इसमें हर मुस्लिम वर्ग की महिलाएं शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पहली बार यह विधेयक नहीं लाई है। सरकार 1995 में जो वक्फ विधेयक लेकर आई थी वह कानून अपने मकसद में सफल नहीं रहा है। विधेयक जिस उद्देश्य के लिए लाया गया था उसमें पूरी तरह से विफल रहा है। 

मंत्री ने कहा कि नया बिल बहुत विचार कर लाया गया है और इस बिल का सभी को समर्थन करना चाहिए क्योंकि करोड़ों लोगों को इंसाफ नहीं मिल रहा है। इस बिल का विरोध करने से पहले करोड़ों गरीब मुसलमानों के बारे में सोचिए तब इसका विरोध कीजिए। इस मुद्दे पर कई कमेटियां बनी थी इसको लेकर वक्फ इक्वरी रिपोर्ट पेश की गई थी। सारी वक्फ संपत्ति को व्यवस्थित करने की जरूरत है। इसके लिए एक न्यायाधिकरण हो तथा ऑडिट और अकाउंट की व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वक्फ पर दो कमेटी कांग्रेस के समय में बनी थी। सच्चर समिति ने कहा कि जितना वक्फ बोर्ड की संपत्ति है इससे बहुत कम पैसा आ रहा है यह गलत है और अगर सही तरीके से इस संपत्ति का संचालन ठीक हो तो 12 हजार करोड सालाना मिल सकता है। सच्चर कमेटी ने कहा कि वक्फ बोर्ड में विशेषजों को लाने की जरूरत है और उसके पैसे का राजस्व का रिकॉर्ड होना चाहिए।

नए बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य किया गया
रिरिजू ने कहा कि नए कानून में पूरी तकनीकी का इस्तेमाल कर विधेयक को लाया गया है और वक्फ संपत्ति सबकी संपत्ति बने और उसका दुरुपयोग नहीं हो इसका पूरा ध्यान रखते हुए विधेयक लाया गया है। नए बोर्ड में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य किया गया है और मुसलमानों में सभी वर्गों को इसमें रखा गया है। उन्होंने कहा कि पहले के कानून में यह प्रावधान था कि यदि आपने अपनी जमीन के लिए हक की बात नहीं की तो उस जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है। यदि किसी ने कह दिया कि किसी जमीन को लेकर यह कहा जाता कि इस जमीन पर किसी के परिजनों ने नमाज पढ़ी है तो वह जमीन वक्फ बोर्ड 1995 के कानून के तहत अपने कब्जे में ले लेता था और यह इस कानून की बहुत बड़ी खामी है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार यह संशोधन विधेयक लेकर अचानक नहीं आई है। मुसलमानों के सभी वर्गों से इस बारे में विचार किया गया है और संसद के कई सदस्य निजी स्तर पर मानते हैँ कि इस विधेयक के लाने से वक्फ का भ्रष्टाचार रुकेगा। वक्फ बोर्ड की समस्याओं पर व्यापक स्तर पर विचार विमर्श हुआ है और उसके बाद विधेयक तैयार किया गया है। हर राज्य से शिया सुन्नी अहमदिया तथा अन्य मुसलमानों के लोगों के साथ विचार कर यह विधेयक लाया गया है।   

वक्फ की मनमानी रोकने के लिए सरकार यह विधेयक लाई है
रिरिजू ने कहा कि वक्फ बोर्ड की हालात यह है कि तमिलनाडु के एक गांव का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है लेकिन बोर्ड ने पूरे गांव को ही वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दिया और गांव के लोग अपने पूर्वजों की जमीन से बेदखल हो गए। उनका कहना था कि सवाल किसी धर्म विशेष का नहीं है बल्कि यह गलत को सही करने का कानूनी प्रयास है और इस विधेयक के पारित होने से इस तरह के अन्याय को रोका जा सकेगा। कर्नाटक वक्फ बोर्ड का उदाहरण देते हुए उनहोंने कहा कि वहां करोड़ों की संपत्ति को वाणिज्यिक काम के लिए बदल दिया है। इस तरह की मनमानी को रोकने के लिए सरकार यह विधेयक लाई है।

रिजिजू ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता था। वह मुसलमान हो या गैर मुसलमान हो वह किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित कर सकता था और यह बहुत खतरनाक स्थिति थी जिसे बदलने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि 90 हजार से ज्यादा मामले वक्फ बोर्ड में लम्बित पड़े हैं और इन सब विसमताओं को देखते हुए और लोगों को न्याय देने के लिए यह विधेयक लाया गया है। नए विधेयक में छह माह में मामले के निस्तारण का समय तय किया गया है।

इससे पहले विधेयक पेश किए जाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के एकनाथ शिंदे ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने देश में संविधान के संकट होने का भ्रम फैलाकर लोकसभा का चुनाव जीता है और अब इस विधेयक को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि यह कानून धर्म और आस्था से जुडा है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

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