Edited By Seema Sharma,Updated: 21 Dec, 2018 02:09 PM
भगवान हनुमान इन दिनों देश में लगातार चर्चा में हैं। दरअसल हनुमान जी की जाति को लेकर इन दिनों देश में काफी गहमागहमी चल रही है या यह कह सकते हैं कि भाजपा नेताओं में होड़ है उनको सिर्फ अपना भगवान कहने की।
नेशनल डेस्कः भगवान हनुमान इन दिनों देश में लगातार चर्चा में हैं। दरअसल हनुमान जी की जाति को लेकर इन दिनों देश में काफी गहमागहमी चल रही है या यह कह सकते हैं कि भाजपा नेताओं में होड़ है उनको सिर्फ अपना भगवान कहने की। अब इस चर्चा में भाजपा के निलंबित सांसद कीर्ति आज़ाद भी कूद पड़े हैं। कीर्ति आजाद ने पवनपुत्र को 'चीनी' बता दिया है। उन्होंने कहा कि हनुमान न तो मुसलमान थे, न जाट और न ही दलित...वो तो भारतीय भी नहीं थे, चीन से आए थे। आजाद ने कहा कि अफवाह उड़ रही है कि चीन के लोग भी दावा करने वाले हैं कि हनुमान जी चीनी थे। बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई यह चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही कि बजरंगबली की जाति क्या है। योगी ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान हनुमान को दलित बताया था, इसके बाद भगवान श्रीरामचंद्र के सेवक की जाति को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है।
किसी ने कहा दलित, तो कोई बता रहा जाट
मुसलमानों के नाम ही रहमान, सुल्तान, इमरान, जीशान, रेहान जैसे होते हैं और उसी तरह हनुमान नाम भी मुसलमान का है। हिंदुओं में आपको ऐसे नाम नहीं मिलेंगे।
-भाजपा के विधान परिषद सदस्य बुक्कल नवाब
हम किसी के भी स्वभाव से यह पता करते हैं कि ये किसके वंशज हैं। जैसे हम वैश्य जाति को राजा अग्रसेन के वंशज मानते हैं, क्योंकि अग्रसेन खुद व्यापार करते थे। इसलिए जाट का स्वभाव होता है कि अगर किसी के साथ अन्याय हो रहा हो तो वह बिना बात के चाहे जान-पहचान हो या ना हो वह उसमें कूद पड़ता है। जब भगवान राम जी की पत्नी सीता माता का अपहरण हुआ जोकि रावण ने किया तो हनुमान जी भगवान राम जी के दास के रुप में उसमें शामिल हुए। इसलिए जो हनुमान जी की प्रवृति है वो जाटों से मिलती है। तभी मैंने कहा कि हनुमान जी जाट ही होंगे।
-योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी
भगवान हनुमान आदिवासी थे क्योंकि उनको जंगलों और वनों में रहना ज्यादा भाता था।
-बीजेपी सांसद उदित राज
किवदंतियों में कहा गया है कि भगवान सबको एक नजर से देखते हैं और सब उनके लिए एक समान हैं लेकिन आज भगवान ही जातियों में बंट गए हैं। आदित्यनाथ ने 27 नवंबर को राजस्थान के अलवर में चुनावी रैली में भाषण के दौरान हनुमान को दलित बताकर जो विवाद खड़ा किया है वो 2019 में भाजपा के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर सकती हैं।