मैरिज सर्टिफिकेट के जान लें नियम, इन लोगों का नहीं बनता दस्तावेज़

Edited By Mahima,Updated: 24 Mar, 2025 02:14 PM

know the rules of marriage certificate

भारत में शादी के सर्टिफिकेट के लिए कानूनी उम्र, ब्लड रिलेटिव्स से शादी की मनाही, मानसिक अस्वस्थता की शर्तें, पहले से शादीशुदा व्यक्ति के लिए दूसरी शादी की पाबंदी और कानूनी प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है। इन शर्तों का पालन करना जरूरी है ताकि बाद में...

नेशनल डेस्क: भारत में शादी का सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए कुछ कानूनी शर्तें और नियम होते हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है। ये शर्तें विभिन्न राज्यों में थोड़ा भिन्न हो सकती हैं, लेकिन आमतौर पर सभी जगह ये नियम लागू होते हैं। आइए जानते हैं कि शादी का सर्टिफिकेट पाने के लिए कौन से मुख्य नियम और शर्तें हैं:

1. कानूनी उम्र का होना जरूरी
शादी के लिए सबसे पहली और महत्वपूर्ण शर्त यह है कि दोनों पार्टनर्स की उम्र भारतीय कानून के तहत तय सीमा से कम नहीं होनी चाहिए। लड़के की उम्र कम से कम 21 साल और लड़की की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। अगर इनमें से कोई भी व्यक्ति इन आयु सीमाओं से नीचे है, तो उन्हें शादी का सर्टिफिकेट नहीं मिल सकता। इस शर्त का उद्देश्य बच्चों की शादी रोकना और मानसिक और शारीरिक रूप से परिपक्व व्यक्तियों के बीच शादी को बढ़ावा देना है।

2. ब्लड रिलेटिव्स के साथ शादी नहीं हो सकती
भारतीय कानून के तहत, खासकर हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 के अंतर्गत, यदि दोनों पार्टनर्स रक्त संबंधी (ब्लड रिलेटिव) हैं, जैसे भाई-बहन, चचेरे भाई-बहन, मौसेरे भाई-बहन, आदि, तो उनकी शादी कानूनी रूप से वैध नहीं मानी जाती। इसे *Incestuous Marriages* (रक्त रिश्तेदारों से विवाह) कहा जाता है, और इसे भारतीय कानून में अपराध माना जाता है। इस प्रकार की शादी का कोई कानूनी आधार नहीं है, और इस मामले में मैरिज सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सकता।

3. पहले से शादीशुदा व्यक्ति का दूसरा विवाह
भारत में एक व्यक्ति एक समय में केवल एक ही शादी कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति ने पहले से शादी कर रखी है और उसने तलाक नहीं लिया है, तो वह दूसरी शादी करके मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं कर सकता। हालांकि, मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत एक व्यक्ति को चार शादियों की अनुमति होती है, लेकिन इसके लिए शर्तें और कानूनी प्रक्रिया अलग होती हैं। यदि पहले की शादी कानूनी रूप से खत्म नहीं हुई है, तो दूसरी शादी करने पर कानूनी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और उस स्थिति में मैरिज सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा।

4. मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की शादी
भारतीय कानून के अनुसार, शादी के लिए दोनों पार्टनर्स की सहमति अनिवार्य है। अगर किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य सही नहीं है और वह शादी के लिए सहमति नहीं दे सकता, तो उसकी शादी को कानूनी मान्यता नहीं मिल सकती। इसे "Unsoundness of Mind" कहा जाता है, और इस स्थिति में वह व्यक्ति शादी करने के योग्य नहीं माना जाता। ऐसे मामलों में भी शादी का सर्टिफिकेट नहीं बन सकता, क्योंकि दोनों की सहमति आवश्यक है। यह नियम मानसिक अस्वस्थता से ग्रसित लोगों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है।

5. कानूनी प्रक्रिया का पालन करना जरूरी
भारत में शादी के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है। अगर शादी के दौरान जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं होते या कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया हो, तो शादी का सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा सकता। शादी के समय, जैसे कि दोनों पार्टनर्स का पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड), उम्र प्रमाण पत्र (जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल सर्टिफिकेट), और शादी का स्थान प्रमाणित करने वाले दस्तावेज़ होना आवश्यक है। इसके अलावा, यदि शादी केवल कागजों पर है और दोनों पार्टनर्स की आपसी सहमति नहीं है, तो भी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा। इस प्रकार, शादी से संबंधित सभी कानूनी प्रक्रिया और नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, ताकि बाद में किसी भी तरह की कानूनी समस्या का सामना न करना पड़े।

6. सहमति और स्वतंत्रता की आवश्यकता
किसी भी शादी में दोनों पार्टनर्स की स्वतंत्र और पूर्ण सहमति की आवश्यकता होती है। अगर शादी में किसी भी व्यक्ति पर दबाव डाला जाता है या उसे मजबूर किया जाता है, तो वह शादी कानूनी रूप से मान्य नहीं मानी जाएगी। इस प्रकार की शादियों में सहमति का अभाव होता है और इसलिए इस तरह के मामलों में मैरिज सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाएगा।

7. सर्टिफिकेट की प्रक्रिया और दस्तावेज़
शादी का सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि दोनों पार्टनर्स संबंधित नगरपालिका या उप जिला कार्यालय में आवेदन करें। इसके लिए दोनों को अपनी पहचान और आयु प्रमाणित करने वाले दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं। शादी के सर्टिफिकेट के लिए आवेदन प्रक्रिया में विवाह स्थल पर उपस्थित गवाहों के हस्ताक्षर और विवाह की तारीख का प्रमाण भी जरूरी होता है। इन दस्तावेज़ों के आधार पर शादी का सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। 

भारत में शादी के सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए कुछ प्रमुख कानूनी शर्तें होती हैं। इनमें कानूनी उम्र, रक्त संबंधी रिश्तों से विवाह की मनाही, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की शादी पर रोक, और पहले से शादीशुदा व्यक्ति की दूसरी शादी पर पाबंदी शामिल हैं। इसके साथ ही कानूनी प्रक्रिया का पालन करना और दोनों पार्टनर्स की स्वतंत्र सहमति भी जरूरी है। इन सभी शर्तों का पालन करना सुनिश्चित करता है कि शादी कानूनी रूप से वैध और सुरक्षित हो।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Kolkata Knight Riders

174/8

20.0

Royal Challengers Bangalore

177/3

16.2

Royal Challengers Bengaluru win by 7 wickets

RR 8.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!