Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 07 Feb, 2025 03:46 PM
भारतीय मजदूरों की सबसे बड़ी संख्या विदेशों में खाड़ी देशों में बस चुकी है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), ओमान, बहरीन, कतर और कुवैत जैसे देशों में भारत से बड़ी संख्या में मजदूर काम करने के लिए जाते हैं। 2022 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कुल 85...
नेशनल डेस्क: भारतीय मजदूरों की सबसे बड़ी संख्या विदेशों में खाड़ी देशों में बस चुकी है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), ओमान, बहरीन, कतर और कुवैत जैसे देशों में भारत से बड़ी संख्या में मजदूर काम करने के लिए जाते हैं। 2022 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कुल 85 लाख भारतीय खाड़ी देशों में काम कर रहे हैं। ये आंकड़े यह साबित करते हैं कि भारतीय मजदूरों के लिए खाड़ी देशों में रोजगार के बहुत बड़े अवसर हैं।
सबसे ज्यादा भारतीय मजदूर किस देश में?
अगर बात की जाए कि भारतीय मजदूरों की सबसे ज्यादा संख्या किस देश में है, तो वह है संयुक्त अरब अमीरात (UAE)। यहां लाखों भारतीय काम करने के लिए गए हैं, जहां उन्हें बेहतर नौकरी और अच्छा वेतन मिलता है। इसके अलावा, सऊदी अरब, ओमान, बहरीन, कतर और कुवैत में भी भारतीय मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन देशों में भारत से बड़ी संख्या में लोग रोजगार की तलाश में आते हैं।
खाड़ी देशों में रोजगार का बड़ा आकर्षण
भारत में बेरोजगारी और सीमित रोजगार के अवसरों के कारण खाड़ी देशों में बेहतर कमाई की उम्मीद में भारतीयों की संख्या बढ़ रही है। इन देशों में उच्च वेतन, रोजगार के मौके और बेहतर जीवनशैली के कारण भारतीय मजदूरों का पलायन लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत से खाड़ी देशों में जाने वाले अधिकांश मजदूर निर्माण, घरेलू काम, होटल उद्योग, और अन्य सेवा क्षेत्रों में काम करते हैं।
सरकारी आंकड़ों में खुलासा
साल 2022 के आंकड़ों के अनुसार, कुल 85 लाख भारतीय खाड़ी देशों में काम कर रहे हैं। इस संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है क्योंकि भारत के विभिन्न हिस्सों से मजदूर खाड़ी देशों में अच्छे वेतन और काम के अवसरों की तलाश में आते हैं। इन देशों में भारतीय मजदूरों का योगदान बहुत बड़ा है और यह आंकड़ा यह भी दर्शाता है कि विदेशों में काम करने के लिए भारतीयों की खाड़ी देशों में खास रुचि बढ़ रही है।
रोजगार के लिए विदेश जाने की मुख्य वजह
भारतीयों का विदेश जाने का मुख्य कारण रोजगार है। इन देशों में उच्च वेतन, काम करने के बेहतर माहौल और जीवन स्तर की उम्मीद में भारतीय मजदूरों की संख्या बढ़ रही है। खाड़ी देशों में काम करने वाले मजदूर अक्सर अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए जाते हैं और बेहतर जिंदगी की तलाश करते हैं।