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Low Sperm Count: इन बीमारियों की वजह से कम हो जाता है स्पर्म काउंट? जानें क्या है उपाय

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 27 Feb, 2025 04:58 PM

know which disease causes the sperm count to decrease

आजकल पुरुषों के स्पर्म काउंट में लगातार गिरावट आ रही है, जो चिंता का विषय बन चुका है। खासकर भारत में इसका असर तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले 45 वर्षों में पुरुषों के स्पर्म काउंट में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। इसके कारणों में...

नेशनल डेस्क: आजकल पुरुषों के स्पर्म काउंट में लगातार गिरावट आ रही है, जो चिंता का विषय बन चुका है। खासकर भारत में इसका असर तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले 45 वर्षों में पुरुषों के स्पर्म काउंट में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। इसके कारणों में कई बीमारियाँ शामिल हैं, जिनका इलाज जरूरी है। आइए जानें कि कौन सी बीमारियाँ और अन्य कारण स्पर्म काउंट को प्रभावित कर रहे हैं और हम इससे कैसे बच सकते हैं।

स्पर्म काउंट कम होने के प्रमुख कारण

स्पर्म काउंट कम होने की समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इन कारणों को जानना और समझना जरूरी है ताकि इससे बचाव किया जा सके।

1. वातावरण और प्रदूषण का प्रभाव

प्रदूषण, खासकर वायु प्रदूषण, और अन्य पर्यावरणीय कारक, जैसे कि एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल्स (EDCs), शरीर के हार्मोन्स पर बुरा प्रभाव डालते हैं। यह स्पर्म काउंट को प्रभावित कर सकता है।

2. मोटापा और गलत खानपान

अगर आपका वजन ज्यादा है और आप संतुलित आहार नहीं ले रहे हैं, तो इसका सीधा असर स्पर्म काउंट पर पड़ता है। मोटापे के कारण टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन असंतुलित हो सकता है, जिससे स्पर्म काउंट कम हो जाता है।

3. धूम्रपान और शराब का सेवन

धूम्रपान और अधिक शराब पीने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का संचय होता है, जो स्पर्म काउंट को घटा सकते हैं। यह आदतें शरीर के हॉर्मोनल सिस्टम को नुकसान पहुंचाती हैं।

4. सेक्स हॉर्मोन का असंतुलन

पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का असंतुलन भी स्पर्म काउंट कम होने का मुख्य कारण है। इसके कारण स्पर्म का निर्माण प्रभावित हो सकता है।

स्पर्म काउंट कम करने वाली बीमारियाँ

कुछ बीमारियाँ सीधे तौर पर स्पर्म काउंट को प्रभावित करती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख बीमारियाँ निम्नलिखित हैं:

1. वैरीकोसेल (Varicocele)

यह बीमारी पुरुषों में सबसे आम कारण है, जिससे स्पर्म काउंट में कमी आती है। वैरीकोसेल में टेस्टिकल्स में रक्त वाहिकाएं फूल जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह प्रभावित होता है और स्पर्म काउंट कम हो जाता है।

वैरीकोसेल के लक्षण:

  • टेस्टिकल्स में दर्द या असहजता
  • सूजन या फूलना
  • स्पर्म काउंट और गुणवत्ता में कमी
  • प्रेगनेंसी में दिक्कतें (इंफर्टिलिटी)

2. गोनोरिया और प्राइवेट पार्ट इंफेक्शन

गोनोरिया एक यौन संचारित रोग है, जो स्पर्म काउंट को घटाने का कारण बन सकता है। इसके अलावा, प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन भी स्पर्म की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।

3. डायबिटीज और हाइपोथायरायडिज्म

मधुमेह (डायबिटीज) और हाइपोथायरायडिज्म जैसी समस्याएं भी स्पर्म काउंट को प्रभावित करती हैं। इन बीमारियों के कारण हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे स्पर्म काउंट में कमी आती है।

4. अन्य बीमारियाँ और दवाएँ

प्रोस्टेट की समस्याएं, उच्च रक्तचाप, सिरोसिस, अल्सर और किडनी की बीमारियाँ भी स्पर्म काउंट को प्रभावित कर सकती हैं। इन बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाने वाली दवाएं भी स्पर्म काउंट को घटा सकती हैं।

स्पर्म काउंट कम होने से बचने के उपाय

स्पर्म काउंट को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कुछ प्रभावशाली उपायों को अपनाना चाहिए। इन्हें जीवनशैली का हिस्सा बनाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

1. संतुलित आहार और नियमित व्यायाम

स्वस्थ आहार और शारीरिक सक्रियता स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद कर सकती है। अधिक फल, सब्जियां, और प्रोटीन से भरपूर आहार लें। व्यायाम से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को संतुलित रखता है।

2. प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खानपान अपनाएं

पेस्टिसाइड्स से मुक्त और ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें। यह शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है और हार्मोनल असंतुलन को रोकता है।

3. प्लास्टिक और केमिकल से बचाव

प्लास्टिक और रासायनिक उत्पादों से बचें, क्योंकि ये एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल्स (EDCs) के स्रोत हो सकते हैं, जो शरीर के हॉर्मोनल सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं।

4. शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें, क्योंकि ये स्पर्म की गुणवत्ता और मात्रा को प्रभावित कर सकते हैं।

 

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