भगवान जगन्नाथ के मंदिर में है बेशुमार सोना, हीरे, जवाहरात, जानें किसने रखवाया था खजाना

Edited By Radhika,Updated: 18 Jul, 2024 04:18 PM

know who had kept the treasure in the temple of lord jagannath

ओडिशा पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार एक लंबे समय के बाद खोल दिए गए हैं। यह रत्न भंडार अमूल्य निधियों से भरा हुआ है। इनमें बेशकीमती रत्न-आभूषण, दुर्लभ धातुओं की मूर्तियां, सोने-चांदी की मुद्राएं, मुकुट व अन्य अलंकार मिले हैं।

नेशनल डेस्क: ओडिशा पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार एक लंबे समय के बाद खोल दिए गए हैं। यह रत्न भंडार अमूल्य निधियों से भरा हुआ है। इनमें बेशकीमती रत्न-आभूषण, दुर्लभ धातुओं की मूर्तियां, सोने-चांदी की मुद्राएं, मुकुट व अन्य अलंकार मिले हैं। इसी के साथ यह सवाल भी उठता है कि भंडार में इतना सोना आया कहां से और किसने मंदिर को इतना सोना दान किया? 

बताया जा रहा है कि जब पहले 1805 में चार्ल्स ग्रोम की ओर से खजाने का डॉक्यूमेंटेंशन किया गया था, उस दौरान 64 सोने चांदी के आभूषण, 128 सोने के सिक्के, 1,297 चांदी के सिक्के, 106 तांबे के सिक्के और 1,333 प्रकार के कपड़े थे। जानकारी के लिए बता दें कि इस मंदिर को 12 वीं सदीं में बनावाया गया था। उनके बाद सन 1197 में उड़िया शासक अनंत भीम देव ने मंदिर को वर्तमान रूप दिया।

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इस मंदिर में कई राजा-महाराजाओं की आस्था रही, जिसके चलते उन्होंने  मंदिर में दान किया था। कहा जाता है कि मंदिर बनने के बाद राजा अनंगभीम देव ने भगवान के लिए कई लाख माधा सोना दान किया था। इसके अलावा सूर्यवंशी शासकों ने भी भगवान जगन्नाथ के लिए बहुमूल्य रत्न और सोना भेंट किया था।

इसे लेकर सामने आई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि 12वीं सदी में मंदिर के बनने के बाद 15वीं सदी में सूर्यवंशी राजा महाराजा कपिलेंद्र देव ने मंदिर को काफी दान दिया था। जगन्नाथ मंदिर को महाराजा रणजीत सिंह ने काफी सोना दान किया था।

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