mahakumb

रंग नहीं, लड्डू बरसते हैं यहां! जानें बरसाना में क्यों खेली जाती है लड्डू मार होली?

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 06 Mar, 2025 04:05 PM

know why laddoos are played in barsana

भारत में होली का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन मथुरा, वृंदावन और बरसाना की होली का रंग सबसे अलग होता है। यहां यह त्योहार केवल रंगों तक सीमित नहीं रहता बल्कि भक्ति, प्रेम और अनोखी परंपराओं का संगम भी देखने को मिलता है। खासतौर पर बरसाना...

नेशनल डेस्क। भारत में होली का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन मथुरा, वृंदावन और बरसाना की होली का रंग सबसे अलग होता है। यहां यह त्योहार केवल रंगों तक सीमित नहीं रहता बल्कि भक्ति, प्रेम और अनोखी परंपराओं का संगम भी देखने को मिलता है। खासतौर पर बरसाना की लड्डू मार होली दुनियाभर में मशहूर है।

कब होगी बरसाना की लड्डू मार होली?

बरसाना के बंसा श्रीराधारानी मंदिर में इस साल 7 मार्च 2025 को लड्डू मार होली खेली जाएगी। इस दिन श्रद्धालुओं पर ढेर सारे लड्डू बरसाए जाते हैं और जिनके ऊपर लड्डू गिरते हैं वे इसे अपना सौभाग्य मानते हैं।

कैसे खेली जाती है लड्डू मार होली?

बरसाना की इस अनूठी होली में नंदगांव से आए पुरोहितों और श्रद्धालुओं पर सैकड़ों किलो लड्डू बरसाए जाते हैं। इस आयोजन को देखने के लिए दूर-दूर से लोग बरसाना पहुंचते हैं। इस दौरान मंदिर के अंदर और आसपास भक्ति का विशेष माहौल बन जाता है और हर कोई प्रसाद के रूप में लड्डू पाने की इच्छा रखता है।

लड्डू मार होली की पौराणिक कथा

इस अनोखी परंपरा के पीछे एक रोचक पौराणिक कथा है—

द्वापर युग में जब श्रीकृष्ण और राधारानी धरती पर थे तब राधारानी के पिता वृषभानु जी ने नंदगांव वालों को होली खेलने का निमंत्रण दिया। नंद बाबा ने यह निमंत्रण स्वीकार कर लिया और अपनी ओर से एक पुरोहित को जवाब देने के लिए बरसाना भेजा।

जब यह पुरोहित बरसाना पहुंचे तो उनका स्वागत बहुत प्रेम से किया गया। उन्हें आदरपूर्वक लड्डू खाने के लिए दिए गए। इस दौरान वहां मौजूद गोपियों ने होली के रंग में उन्हें गुलाल लगा दिया लेकिन पुरोहित के पास कोई गुलाल नहीं था तो उन्होंने थाल में रखे लड्डू उठाकर गोपियों पर फेंकने शुरू कर दिए। तभी से यह परंपरा शुरू हुई और इसे लड्डू मार होली के रूप में मनाया जाने लगा।

क्यों खास है बरसाना की लड्डू मार होली?

➤ भक्तिमय माहौल – इस दिन श्रद्धालु पूरी तरह से राधा-कृष्ण की भक्ति में डूब जाते हैं।
➤ अनोखी परंपरा – रंगों की होली से अलग यहां लड्डुओं से होली खेली जाती है।
➤ सौभाग्य का प्रतीक – कहा जाता है कि जिन पर लड्डू गिरते हैं वे बहुत सौभाग्यशाली होते हैं।
➤ देश-विदेश से आते हैं पर्यटक – इस अद्भुत आयोजन को देखने के लिए दुनियाभर से लोग बरसाना आते हैं।

बरसाना की लड्डू मार होली केवल मस्ती और उमंग का त्योहार ही नहीं बल्कि यह श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम-लीला की झलक भी दिखाती है। यह परंपरा हर साल हजारों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करती है और उन्हें प्रेम और भक्ति के रंगों में रंग देती है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!