Kolkata Doctor Case: कौन है वो महिला जो लड़ रही संजय रॉय का केस, जानें किसने दिलाया हत्यारे को वकील

Edited By Utsav Singh,Updated: 29 Aug, 2024 03:27 PM

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के आरोपी संजय रॉय को फांसी की सजा मिलेगी या नहीं, यह प्रश्न अब देशभर में गहराई से उठ रहा है। संजय रॉय ने पॉलीग्राफ टेस्ट में अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। इसके बावजूद, उसे फांसी...

पश्चिम बंगाल : कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के आरोपी संजय रॉय को फांसी की सजा मिलेगी या नहीं, यह प्रश्न अब देशभर में गहराई से उठ रहा है। इस नृशंस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे देश में एक गंभीर बहस को जन्म दिया है। घटना के बाद देश भर में डॉक्टरों का गुस्सा सड़क से लेकर अस्पतालों तक फैल गया है। चिकित्सकीय समुदाय ने इस पर चिंता जताई है कि क्या उन्हें उचित और त्वरित न्याय मिलेगा। इस प्रकार की घटनाओं ने चिकित्सा समुदाय में असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया है और डॉक्टर न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता की मांग
पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता ने किसी भी मुआवजे को ठुकरा दिया है और उनकी एकमात्र मांग यह है कि आरोपी संजय रॉय को फांसी की सजा मिले। वे मानते हैं कि इस प्रकार के जघन्य अपराध के लिए सबसे कठोर दंड ही उचित होगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालत इस मांग को स्वीकार करेगी और आरोपी को फांसी की सजा सुनाएगी या नहीं।

संजय रॉय को कानूनी सहायता
संजय रॉय का केस कई वकीलों ने लड़ने से मना कर दिया था, लेकिन अब उसे कानूनी सहायता मिल गई है। प्रश्न यह उठता है कि आखिरकार उसे वकील कैसे मिला और अब कोर्ट में संजय रॉय की ओर से दलीलें कौन पेश करेगा? इस स्थिति में कानूनी सहायता की व्यवस्था और उसकी प्रक्रिया पर चर्चा महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि यह अदालत की सुनवाई को प्रभावित कर सकती है। अगले चरण में, अदालत को यह निर्णय लेना होगा कि संजय रॉय को फांसी की सजा दी जाएगी या नहीं।

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कविता सरकार: संजय रॉय की वकील

संजय रॉय ने पॉलीग्राफ टेस्ट में अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। इसके बावजूद, उसे फांसी की सजा से बचाने के लिए एक महिला वकील कविता सरकार को नियुक्त किया गया है। कविता सरकार वही वकील हैं जिन्होंने संजय रॉय के पॉलीग्राफ टेस्ट की मंजूरी दी थी। इस समय, जब पूरे देश में संजय रॉय को फांसी देने की मांग उठ रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने पॉलीग्राफ टेस्ट की मंजूरी दी थी ताकि वारदात की सच्चाई सबके सामने आ सके। उन्‍होंने कहा क‍ि केस लड़ना उनका काम है और वह कानून के ह‍िसाब से अपना काम करेंगी।

कानूनी सहायता का अधिकार
भारतीय कानून के तहत, हर आरोपी को न्याय की प्रक्रिया के दौरान कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार होता है। चाहे अपराध कितना भी गंभीर क्यों न हो, आरोपी को कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार प्राप्त होता है। वकील का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई मिले और उसके अधिकारों का उल्लंघन न हो। बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर मामलों में भी, आरोपी को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है ताकि न्याय की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके।

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कविता सरकार की कानूनी नीति
कविता सरकार ने संजय रॉय के मामले में वकील के रूप में शामिल होकर यह दर्शाया है कि कानूनी प्रक्रिया में हर आरोपी को अपनी रक्षा करने का पूरा अवसर मिलता है। उनका उद्देश्य कानूनी प्रक्रिया को पूरी तरह से पालन करना है और यह सुनिश्चित करना है कि न्याय की प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता न हो। वे मानती हैं कि फांसी की सजा के खिलाफ उनकी स्थिति उनके व्यक्तिगत मान्यताओं और कानूनी दृष्टिकोण पर आधारित है।

कविता सरकार का मानना है कि उम्रकैद किसी भी आरोपी के लिए सबसे कठोर सजा हो सकती है और यह दंड अपराध की गंभीरता के अनुरूप उचित होता है। उनके अनुसार, उम्रकैद सजा के रूप में एक आरोपी के लिए सबसे प्रभावशाली और उपयुक्त दंड होती है। उनका यह दृष्टिकोण उनकी पेशेवर यात्रा और व्यक्तिगत विश्वासों को दर्शाता है, और वे इसे अपने काम में पूरी निष्ठा के साथ लागू कर रही हैं।

 

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