Edited By Utsav Singh,Updated: 07 Oct, 2024 10:14 PM
आरजी कर मेडिकल अस्पताल में हुए रेप और हत्या मामले में सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में विभिन्न तकनीकी और फॉरेंसिक सबूत शामिल हैं, जो मामले की गंभीरता को दर्शाते हैं। आइए जानते हैं अभी तक की जांच का अपडेट...
पश्चिम बंगाल : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर से हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई ने लगभग दो महीने की जांच के बाद आज पहली चार्जशीट अदालत में पेश की है। इस चार्जशीट में तकनीकी सबूत, चश्मदीदों के बयान और फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में कलकत्ता पुलिस ने 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। इस दौरान पुलिस ने पाया कि आरोपी के शरीर पर चोट के कई निशान थे।
जांच की शुरुआत
कलकत्ता पुलिस ने 9 अगस्त को इस मामले की जांच शुरू की थी। 14 अगस्त को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। मेडिकल परीक्षण में आरोपी संजय रॉय के शरीर पर चोट के निशान पाए गए, जैसे कि उसके बाएं गाल, हाथ, अंगुलियों और जांघ के पिछले हिस्से पर।
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चश्मदीदों के बयान
सीबीआई ने इस मामले में 45 चश्मदीदों के बयान लिए हैं और 10 लोगों का पॉलीग्राफी टेस्ट भी कराया है। यह सबूतों को मजबूत करने और सही तथ्य सामने लाने के लिए किया गया है। चश्मदीदों के बयान और वैज्ञानिक परीक्षणों के आधार पर मामले की जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
CCTV फुटेज से मिले सबूत
सीसीटीवी फुटेज में संजय रॉय की अपराध स्थल पर मौजूदगी स्पष्ट रूप से देखी गई है, जो जांच में महत्वपूर्ण सबूत के रूप में काम कर रही है। फुटेज के अनुसार:
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प्रवेश का समय: संजय रॉय सुबह 3:42 बजे अस्पताल के परिसर में प्रवेश करता है। इस समय वह अस्पताल के इमरजेंसी एंट्रेंस से अंदर जाता है। यह समय महत्वपूर्ण है क्योंकि यह घटना के समय के करीब है।
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अस्पताल के भीतर की गतिविधियाँ: फुटेज में देखा गया है कि संजय रॉय अस्पताल के विभिन्न हिस्सों में घूमता है। उसे इमरजेंसी बिल्डिंग के रैंप पर भी देखा गया है, जो उसके घटनास्थल पर पहुंचने का संकेत देता है।
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क्राइम सीन के पास: फुटेज में सुबह 4:03 बजे संजय रॉय को तीसरे फ्लोर के कॉरिडोर में देखा गया है, जो कि अपराध स्थल के निकट है। यह उस समय को दर्शाता है जब घटना के घटने की संभावना अधिक थी।
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निकास का समय: अंततः, फुटेज में दिखाया गया है कि संजय रॉय सुबह 4:37 बजे अपनी बाइक पर अस्पताल से बाहर निकलता है। यह समय उसकी उपस्थिति और गतिविधियों को संदर्भित करता है, जो मामले में उसकी संलिप्तता को साबित करने में मदद करता है।
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इस सीसीटीवी फुटेज ने जांच एजेंसियों को यह समझने में सहायता की है कि आरोपी घटनास्थल पर था और उसके आने-जाने का समय किस तरह से घटना के समय के साथ मेल खाता है। यह फुटेज मुख्य सबूतों में से एक है जो सीबीआई की जांच को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है।
महिला डॉक्टर की मौत का समय
महिला डॉक्टर अपने चार सहयोगियों के साथ 8-9 अगस्त की रात सेमिनार में थी। उसे आखिरी बार सुबह 3 बजे देखा गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसकी मौत सुबह 4 बजे हुई थी। उसकी बॉडी पर 7 चोट के निशान थे, और मौत का कारण गला दबाने और दम घुटने के रूप में बताया गया।
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आरोपी को बचाने की साजिश
संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया गया था, लेकिन उसने नार्को टेस्ट के लिए कोर्ट में मना कर दिया। इस बीच, सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इंचार्ज अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया, क्योंकि उन पर आरोप था कि उन्होंने मुख्य आरोपी को बचाने के लिए साजिश की थी।
जल्दी होगी सप्लीमेंट्री चार्जशीट
चार्जशीट में यह जानकारी भी शामिल है कि दोनों आरोपियों ने मृतका का अंतिम संस्कार जल्दबाजी में करवा दिया, जबकि उसके परिवार ने दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग की थी। यह बात सीबीआई के लिए गंभीरता से विचार करने का विषय है, क्योंकि जल्दी अंतिम संस्कार करने से संभावित सबूत नष्ट हो सकते हैं। सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि उनकी जांच अभी भी चल रही है और वे जल्द ही इस मामले में एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेंगे। इस स्थिति ने जांच को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जैसे कि क्या आरोपियों ने जानबूझकर सबूतों को छिपाने का प्रयास किया।
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सार्वजनिक और मीडिया की नजरें अब सीबीआई की आगामी कार्यवाहियों पर हैं, क्योंकि लोगों को न्याय की उम्मीद है। हर कोई इस मामले में आगे की कार्रवाई और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की प्रतीक्षा कर रहा है।