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कोलकाता रेप-मर्डर केस पर फैसला : संजय रॉय को उम्रकैद, साथ में लगा 50 हजार जुर्माना

Edited By Rahul Singh,Updated: 20 Jan, 2025 03:12 PM

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में काम करने वाले ट्रेनी डॉक्टर संजय रॉय को बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया है। अब कुछ ही देर में उसकी सजा का ऐलान होने वाला है। यह तय किया जाएगा कि उसे फांसी दी जाएगी या फिर उम्रभर की सजा (उम्रकैद) दी...

नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई डॉक्टर रेप और मर्डर केस में मुख्य आरोपी संजय रॉय को कोर्ट ने मरते दम तक उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा का ऐलान करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरबान दास ने कहा कि यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर (अत्यंत दुर्लभ) श्रेणी का नहीं है, इसलिए आरोपी को उम्रकैद की सजा दी जा रही है।

उम्रकैद की सजा के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा दे। हालांकि, पीड़िता के माता-पिता ने कहा कि उन्हें किसी भी तरह का मुआवजा नहीं चाहिए। संजय रॉय को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत दोषी पाया गया है। इन धाराओं के तहत अपराधी को अधिकतम सजा के तौर पर फांसी या उम्रकैद की सजा दी जा सकती है, लेकिन जज ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है।

 

सजा सुनाने से पहले जज ने संजय रॉय से पूछा, "मैंने शनिवार को तुमसे कहा था कि तुम पर लगे सभी आरोप जैसे बलात्कार और हत्या साबित हो चुके हैं। तुम पर क्या कहना है? क्या तुम कुछ और कहना चाहोगे?" इस पर संजय ने कहा, "मुझे बिना किसी कारण के फंसाया गया है। मैं हमेशा रुद्राक्ष की माला पहनता हूं, अगर मैं अपराध करता तो क्राइम सीन पर माला टूट जाती। मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया और कई कागजों पर जबरदस्ती साइन करवाए गए।"

जज ने जवाब दिया, "तुम पहले ही दोषी साबित हो चुके हो।"

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जज ने आगे कहा, "मैंने तुम्हें आधे दिन का समय दिया था और 3 घंटे तक तुम्हारी बात सुनी थी। जो भी आरोप, सबूत, गवाह और दस्तावेज पेश किए गए थे, उनकी पूरी जांच की गई। इसके बाद मैंने तुम्हें दोषी पाया। अब मैं सिर्फ तुमसे सजा के बारे में सुनना चाहता हूं। क्या तुम्हारे परिवार से कोई तुमसे मिलने आता है?" संजय ने बताया कि जेल में रहते हुए उसे कभी भी कोई परिवार का सदस्य नहीं मिला।

कोर्ट ने दो दिन पहले 18 जनवरी को संजय रॉय को दोषी करार दिया था। कोलकाता के सियालदह की सत्र अदालत के जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 64 (बलात्कार), 66 (हत्या करने) और 103 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया था। जज ने 57 दिनों की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि संजय रॉय को सजा मिलनी चाहिए। इसके बाद संजय रॉय ने जज से सवाल किया, "मुझे फंसाने वाले और लोग क्यों नहीं पकड़े गए?" जज ने जवाब दिया, "मैंने सभी सबूतों और गवाहों को बारीकी से सुना है। फिर भी तुम दोषी पाए गए हो। तुम्हें सजा मिलनी चाहिए।"

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