Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Jan, 2025 03:56 PM
देशभर में शादियों का मौसम है, हर तरफ खुशियां हैं, लेकिन राजस्थान के कोटा जिले का कोलीपुरा गांव इस खुशी से महरूम है। यहां पर न तो शहनाइयां बज रही हैं और न ही लोग शादियों के अवसर का पूरा आनंद ले पा रहे हैं। इ
नेशनल डेस्क: देशभर में शादियों का मौसम है, हर तरफ खुशियां हैं, लेकिन राजस्थान के कोटा जिले का कोलीपुरा गांव इस खुशी से महरूम है। यहां पर न तो शहनाइयां बज रही हैं और न ही लोग शादियों के अवसर का पूरा आनंद ले पा रहे हैं। इसकी वजह है यहां की बुनियादी सुविधाओं का न होना। गांव में आज भी बिजली और मोबाइल नेटवर्क जैसी सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं, जिसके कारण यहां के युवकों के लिए रिश्ता तय करना भी मुश्किल हो गया है।
कोलीपुरा गांव और मुकुंदरा टाइगर रिजर्व
कोलीपुरा गांव मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है। इस वजह से गांव के लोग अपनी मर्जी से यहां बुनियादी सुविधाएं नहीं ला सकते हैं। वन्यजीव विभाग की अनुमति के बिना यहां कोई भी विकास कार्य नहीं हो सकता। यही कारण है कि इस गांव में आजादी के इतने सालों बाद भी न तो बिजली पहुंची है और न ही मोबाइल नेटवर्क। इसके अलावा, इस गांव के लोग अपने घरों का निर्माण भी नहीं कर सकते क्योंकि इस गांव को विस्थापित किए जाने की योजना है।
पढ़ाई और शादियों में आ रही मुश्किलें
बुनियादी सुविधाओं का अभाव गांव के बच्चों की पढ़ाई और युवाओं की शादियों में रुकावट डाल रहा है। यहां के युवकों के लिए रिश्ता तय करना मुश्किल हो गया है। जब भी वे लड़की के घर बात करने जाते हैं, तो लड़की वाले यह कहकर इंकार कर देते हैं कि बिना लाइट और मोबाइल नेटवर्क के वे कैसे यहां रह सकते हैं। इस कारण गांव के लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने भी नहीं आ पाते क्योंकि आजकल बिजली और मोबाइल नेटवर्क जीवन का अहम हिस्सा बन गए हैं।
मोबाइल नेटवर्क की कमी
कोलीपुरा गांव में 500 से अधिक घर हैं। यहां हर किसी के पास मोबाइल फोन तो है, लेकिन नेटवर्क की स्थिति बेहद खराब है। यहां केवल एक घर में नेटवर्क आता है, और यह नेटवर्क भी किसी तरह से जोड़कर काम में लिया गया है। पूरे गांव के लिए यह नेटवर्क एक संजीवनी की तरह है, लेकिन यह गांव की समस्याओं को पूरी तरह से दूर नहीं कर पा रहा है।